
इस साल गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन लोग भगवान कृष्ण को तरह-तरह के अन्न, मिठाई, सब्जियां और व्यंजन अर्पित करते हैं और उनकी कृपा एवं आशीर्वाद के लिए धन्यवाद करते हैं.

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी
गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है?
कहानी के अनुसार, जब भगवान इंद्र ने गोकुल में लगातार बारिश शुरू कर दी थी, तब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत अपनी छोटी उंगली पर उठाकर पूरे गांव की रक्षा की थी. तभी से यह दिन भगवान कृष्ण की भक्ति और उनकी करुणा का प्रतीक बन गया है.
गोवर्धन पूजा 2025 मुहूर्त कितने बजें से शुरू होगा?
इस साल प्रातःकालीन पूजा सुबह 06:26 बजे से 08:42 बजे तक की जाएगी. वहीं सायंकालीन पूजा शाम 03:29 बजे से 05:44 बजे तक होगी. इन शुभ समयों में पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.
पूजा के मुख्य अनुष्ठान समय क्या किया जाता हैं?
इस दिन गायों की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि हिंदू धर्म में गाय को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है. लोग गाय, बछड़ा और बैल को हल्दी, रोली और फूलों से सजाकर उनकी आरती करते हैं. उसके बाद उन्हें घर का पहला भोजन खिलाया जाता है.
अन्नकूट का महत्व क्या है?
गोवर्धन पूजा का सबसे खास हिस्सा है ‘अन्नकूट’. इस दिन घरों या मंदिरों में गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाया जाता है, अक्सर गोबर या अनाज से. फिर उस पर भगवान को जल, पुष्प, दीपक, मिठाई, फल और दक्षिणा अर्पित की जाती है. इस दिन दूध, दही, घी और मक्खन जैसी चीजें खाने को भी शुभ माना जाता है.
गोवर्धन पूजा सिर्फ पूजा-पाठ का दिन नहीं है, बल्कि यह प्रकृति, पशु और अन्न के प्रति आभार जताने का दिन भी है. इस दिन भगवान कृष्ण से जीवन में खुशहाली, समृद्धि और शांति की कामना की जाती है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
Govardhan Puja 2025 Kab Hai: कब है गोवर्धन पूजा? जानिए इस खास त्योहार का महत्व✧ धार्मिक और अध्यात्मिक


