प्राधिकरण विवाद: मंडी परिषद अध्यक्ष डॉ. अनिल डब्बू और महिला उद्यमिता विकास बोर्ड अध्यक्ष रेनू अधिकारी ने यशपाल आर्य के आरोपों को बताया बेबुनियाद

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देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य द्वारा उत्तराखंड में प्राधिकरणों को लेकर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सत्ता पक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उत्तराखंड मंडी परिषद के अध्यक्ष डॉ. अनिल डब्बू एवं महिला उद्यमिता विकास बोर्ड की अध्यक्ष रेनू अधिकारी ने इन आरोपों को “बेबुनियाद और विपक्ष की बोखलाहट का परिणाम” करार दिया है।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि अगर नेता प्रतिपक्ष के पास कोई ठोस मामला है, तो वह तुरंत उसकी शिकायत करें। धामी सरकार पारदर्शिता के पक्ष में है और हर शिकायत पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुराने प्राधिकरण और विनियमित क्षेत्र को छोड़कर, नए सम्मिलित क्षेत्रों में मानचित्र की प्रक्रिया स्थगित करने का आदेश पहले ही जारी कर दिया था।

डॉ. डब्बू ने आरोप लगाया कि यशपाल आर्य का बयान उन भू-माफियाओं के दबाव में आकर दिया गया है, जो नजूल की जमीनों और सरकारी संपत्तियों पर अवैध कॉलोनियां और भवन बनवा रहे हैं। उन्होंने कहा, “धामी सरकार ऐसे माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर रही है, जिससे कांग्रेस और उनके संरक्षक असहज हो रहे हैं।”

रेनू अधिकारी ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का रहा है। “खुद कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कैमरे पर भ्रष्टाचार की बात करते हुए पकड़े गए हैं। पूर्व विधायकों ने गुंडागर्दी के बल पर जो संपत्तियां कब्जाई थीं, उन्हें सरकार ने मुक्त कराया है,” उन्होंने जोड़ा।

सरकार की ओर से यह भी दावा किया गया कि अब तक डेढ़ सौ से अधिक भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा जा चुका है, और जनता के बीच धामी सरकार की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। यही कारण है कि विपक्ष अनर्गल आरोप लगाने की राजनीति कर रहा है।

डॉ. डब्बू और रेनू अधिकारी ने यशपाल आर्य से आग्रह किया कि वह नकारात्मक राजनीति की बजाय, प्रदेश के हित में रचनात्मक सुझाव दें। उन्होंने कहा, “अगर कोई भी मामला यशपाल आर्य जी के संज्ञान में है, तो वह सीधे मुख्यमंत्री को अवगत करा सकते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 1064 हेल्पलाइन और विजिलेंस को फ्री हैंड दे रखा है।”


नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य इस पूरे विवाद पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, “उत्तराखंड में प्राधिकरण भ्रष्टाचार और भू-माफियाओं का अड्डा बन चुका है। भाजपा सरकार की मिलीभगत से नजूल की जमीनों पर अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहे हैं। प्राधिकरणों में नक्से पास करने से लेकर जमीन उपयोग बदलने तक हर जगह घोटाले हो रहे हैं। यह केवल राजनीतिक दबाव से नहीं, बल्कि सिस्टम के भीतर मौजूद भ्रष्ट गठजोड़ का परिणाम है।”उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द ही प्राधिकरणों में हुए भ्रष्टाचार के ठोस दस्तावेज़ सार्वजनिक करेंगे और इसकी शिकायत संबंधित संस्थाओं से भी करेंगे।
यह मुद्दा सोशल मीडिया पर भी गर्म है जहां भाजपा समर्थक और कांग्रेस नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली, भू-माफियाओं की भूमिका, और नजूल संपत्तियों पर सरकारी नीति को लेकर प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।



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