
रुद्रपुर, 12 अगस्त।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उधमसिंह नगर ज़िला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव परिणामों की घोषणा पर रोक लगा दी है। यह आदेश बाजपुर निवासी ज़िला परिषद सदस्य जितेंद्र शर्मा ‘सोनू’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया, जिसमें राज्य सरकार के आरक्षण नियमों को चुनौती दी गई है।✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी)



न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रक्रिया निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगी, लेकिन अध्यक्ष पद के परिणाम घोषित नहीं किए जाएंगे। अब यह परिणाम याचिका पर अंतिम निर्णय के अधीन होंगे। इस मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि राज्य सरकार ने आरक्षण नियमों में मनमाने बदलाव कर समान अवसर के सिद्धांत का उल्लंघन किया है। मामले पर अंतिम निर्णय तक उधमसिंह नगर में अध्यक्ष पद के नतीजे रोके जाने से ज़िले में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के द्वारा जिला पंचायतों के अध्यक्ष पद का आरक्षण नियमावली तहत न किए जाने के मामले में आज भी उधम सिंह नगर के जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार जितेंद्र शर्मा की याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खण्डपीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा है कि चुनाव की समस्त प्रक्रिया जारी रहेंगी, लेकिन उधमसिंह नगर जिले का चुनाव परिमाण घोषित नही होगा, जो याचिका के निर्णय के अधीन रहेगा। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 27 अगस्त की तिथि नियत की है।
आपको बता दें कि जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवार जितेंद्र शर्मा ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में जो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए हैं। वह 2011 की जनगणना के आधार पर कराएं हैं। जबकि प्रदेश में वर्तमान समय में ओबीसी की सबसे अधिक जनसंख्या जिला हरिद्वार प्रथम स्थान पर और उत्तरकाशी दूसरे नम्बर पर है। उधम सिंह नगर व चौथे स्थान पर देहरादून है। अगर सरकार शासनादेश के अनुरूप आरक्षण तय करती है तो यह आरक्षण की सीट हरिद्वार व उत्तरकाशी को जाती।
आरक्षण का रोस्टर जारी किया जाए?याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार ने 13 जिलों का आरक्षण का आंकलन तो किया लेकिन हरिद्वार में चुनाव नही कराए। याचिका में कहा गया है कि किस आधार पर सरकार ने आरक्षण का आंकलन कर दिया। इसलिए इसपर रोक लगाई जाय, और फिर नियमों के तहत आरक्षण का रोस्टर जारी किया जाय। नियमों के तहत किया जाए।

