भा है. DRDO ने अब ऐसी तकनीक बनाई है। जिससे दुश्मन की न्यूक्लियर मिसाइलों को हवा में ही नष्ट किया जा सकता है. डिफेंस सूत्रों के मुताबिक भारत ने स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) प्रणाली तैयार की है.

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यह तकनीक मिसाइलों को धरती तक पहुंचने से पहले ही खत्म कर सकती है चाहे वो वायुमंडल के बाहर हों या अंदर. अगर न्यूक्लियर मिसाइल को पहले ही मार गिराया जाए तो उससे रेडिएशन या परमाणु धमाके का खतरा नहीं रहता.

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने अपने बनाए हथियारों और तकनीक की ताकत दिखाई. इस ऑपरेशन में भारत ने अपने ही बनाए मिसाइल सिस्टम, रडार, और ड्रोन-विरोधी हथियारों का इस्तेमाल किया और दुश्मन के मिसाइल और ड्रोन अटैक को विफल कर दिया.

भारत कई मौकों पर कह चुका है कि वह अब पाकिस्तान के परमाणु हमले की धमकी के ब्लैकमेल को तवज्जो नहीं देगा क्योंकि DRDO ने इस तरह के हमलों से निपटने की व्यवस्था कर दी है. इस ब्रह्मास्त्र के चलते ही भारत न्यूक्लियर अटैक के ब्लैकमेल के दबाव में न आने की बात करता है.

क्या है BMD प्रणाली?

  • BMD प्रणाली एक बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली है, जिसमें दो मुख्य घटक हैं:
  • पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD): यह मिसाइल 50-80 किमी की ऊंचाई पर दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट कर सकती है.
  • एडवांस एयर डिफेंस (AAD): यह मिसाइल 30 किमी की ऊंचाई पर दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट कर सकती है.

कैसे काम करती है BMD प्रणाली?

  • BMD प्रणाली कई चरणों में काम करती है.
  • लक्ष्य का पता लगाना: रडार और अन्य सेंसर दुश्मन की मिसाइलों का पता लगाते हैं.
  • लक्ष्य की जानकारी: मिशन कंट्रोल सेंटर लक्ष्य की जानकारी प्राप्त करता है और इंटरसेप्टर मिसाइल को लॉन्च करने के लिए तैयार करता है.
  • इंटरसेप्टर मिसाइल का लॉन्च: इंटरसेप्टर मिसाइल लक्ष्य की ओर लॉन्च की जाती है.
  • लक्ष्य का खात्मा: इंटरसेप्टर मिसाइल लक्ष्य को नष्ट कर देती है.

BMD प्रणाली के फायदे

  • रक्षा क्षमता में वृद्धि: BMD प्रणाली भारत की रक्षा क्षमता को बढ़ावा देती है.
  • दुश्मन को रोकना: BMD प्रणाली दुश्मन को हमला करने से पहले दो बार सोचने पर मजबूर कर देती है.
  • देश की सुरक्षा: BMD प्रणाली देश की सुरक्षा और अखंडता को बढ़ावा देती है.

स्वदेशी तकनीक का कमाल

डिफेंस सूत्रों के मुताबिक, अगर किसी परमाणु मिसाइल को उसके ट्रिगर मेकेनिज्म के सक्रिय होने से पहले ही रोक दिया जाए, तो इससे न्यूनतम खतरा पैदा होता है क्योंकि ट्रिगर न किए गए न्यूक्लियर मैटिरियल कम रेडिएशन वाले किसी भी अन्य केमिकल की तरह ही व्यवहार करते हैं. भारत की मल्टी-लेयर बीएमडी प्रणाली में उन्नत निगरानी, पूर्व चेतावनी के साथ ही कमांड एंड कंट्रोल की तकनीकें शामिल हैं.

ये सभी स्वदेशी रूप से विकसित की गई हैं. ये सिस्टम फेज्ड ऐरे रडार और हाई-स्पीड इंटरसेप्टर से लैस हैं जो अत्यधिक तेज रफ्तारी वाली मिसाइल का पता लगाने, उसे ट्रैक करने और न्यूट्रलाइज यानी बेअसर करने में सक्षम है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन और मिसाइल अटैक के दौरान भारत ने दुनिया को अपनी इस ताकत से अवगत कराया.

देश की स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) प्रणाली के तहत विकसित की गई इंटरसेप्टर मिसाइल AD-1 दुश्मनों की 3000 से 5000 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइलों को उनके टर्मिनल फेज (अंतिम चरण) में भी मार गिराने में सक्षम है. इसका मतलब साफ है अगर कोई बैलिस्टिक मिसाइल भारत की ओर बढ़ रही हो, तो AD-1 उसे वायुमंडल के भीतर ही खत्म कर सकती है, इससे पहले कि वह ज़मीन को छू पाए.

क्या है AD-1 इंटरसेप्टर?

AD-1 एक लॉन्ग-रेंज इंटरसेप्टर मिसाइल है, जिसे DRDO ने भारत की बहुस्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली के तहत हाल ही तैयार किया. जानें इसकी खासियत-

  • बेहद तेज गति से लक्ष्य तक पहुंचती है
  • सटीकता के साथ लक्ष्य को नष्ट कर सकती है
  • ऊंचाई पर भी प्रभावी तरीके से काम करती है

भारत के लिए यह प्रणाली रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है. 3000-5000 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइलें आमतौर पर परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होती हैं. ऐसे में AD-1 जैसे इंटरसेप्टर का होना यह सुनिश्चित करता है कि भारत किसी भी परमाणु खतरे से खुद को बचा सकता है. 5000 किमी तक की दुश्मन मिसाइल भी अब भारत के निशाने पर, DRDO ने Phase-II BMD सिस्टम का हाल में सफल परीक्षण किया था.

इससे भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को एक और ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 24 जुलाई 2024 को Phase-II बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) प्रणाली का सफल फ्लाइट टेस्ट किया था. यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) के लॉन्च कॉम्प्लेक्स-III से किया गया था.

इस परीक्षण ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब पूरी तरह 5000 किलोमीटर तक की बैलिस्टिक मिसाइलों से रक्षा करने में सक्षम है. यह क्षमता भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में लाती है, जिनके पास इतनी दूर तक की मारक क्षमता को निष्क्रिय करने की तकनीक मौजूद है.


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