
उत्तराखंड के रुद्रपुर शहर में आज एक ऐतिहासिक और साहसिक प्रशासनिक कार्रवाई के तहत इंद्रा चौक स्थित सड़क पर बनी सैय्यद मासूम शाह मिया और सज्जाद मिया की मजार को पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच बुलडोजर चलाकर ज़मींदोज़ कर दिया गया। धामी सरकार के ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ और ‘अवैध अतिक्रमण मुक्त अभियान’ के तहत यह कदम उठाया गया, जिसे जिला प्रशासन की दृढ़ इच्छाशक्ति और पुलिस की सटीक योजना का नतीजा माना जा रहा है।
मजार सड़क के बीचोंबीच बनी हुई थी, जो न केवल यातायात व्यवस्था में बाधा बन रही थी, बल्कि स्मार्ट सिटी के स्वरूप पर भी सवालिया निशान लगाती थी। प्रशासन द्वारा पहले से चेतावनी दी जा चुकी थी कि किसी भी धार्मिक आस्था के नाम पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा – और आज यह चेतावनी हकीकत में बदल गई।
कार्यवाही के दौरान मीडिया की उपस्थिति को प्रतिबंधित कर बैरिकेडिंग के ज़रिये क्षेत्र को सील कर दिया गया था। नगर निगम और पुलिस के संयुक्त प्रयासों से यह कार्यवाही पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई, जिससे किसी भी तरह की सांप्रदायिक या सार्वजनिक अशांति टाली जा सकी।
धामी सरकार का स्पष्ट संदेश:


धार्मिक पहचान चाहे जो भी हो, उत्तराखंड की ज़मीन पर अतिक्रमण अब नहीं चलेगा। धार्मिक आस्था को सम्मान, लेकिन कानून से ऊपर कुछ नहीं – यही संदेश आज की कार्यवाही से पूरे राज्य को मिला है।
प्रशासन की कार्यशैली प्रशंसनीय:
जिला प्रशासन और पुलिस की तत्परता के चलते यह कार्यवाही न सिर्फ सफल रही, बल्कि यह एक मिसाल भी बन गई। बिना किसी विवाद, प्रदर्शन या हिंसा के जिस तरह यह मजार हटाई गई, वह राज्य के भीतर प्रशासनिक सख्ती और धैर्य का प्रमाण है।
रुद्रपुर के इंदिरा चौक पर प्रशासन द्वारा एक साहसिक कदम उठाते हुए सड़क पर बनी अवैध मजार को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया। यह मजार वर्षों से मुख्य चौराहे के ठीक बीच में बनी हुई थी, जिससे लगातार ट्रैफिक जाम और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता था। वाहन चालकों को सामने से आने वाले ट्रैफिक का ठीक से दिखाई नहीं देता था, जिससे कई बार हादसे भी हुए।
मंगलबार सुबह भारी पुलिस बल की मौजूदगी में नगर निगम और प्रशासन ने संयमित तरीके से कार्रवाई की। कार्यवाही के बाद तत्काल मौके पर मिट्टी डालकर सड़क को समतल किया गया और अब इंदिरा चौक पूरी तरह खुला और साफ नज़र आ रहा है। इससे न केवल यातायात में सुधार आया है, बल्कि आम नागरिकों ने भी राहत की सांस ली है।
धामी सरकार के आदेशानुसार धार्मिक आस्था के नाम पर किए गए अतिक्रमण को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन की यह कार्यवाही कानून और व्यवस्था की सख्ती का स्पष्ट संकेत है। मीडिया को इस दौरान कवरेज से रोका गया और सुरक्षा के मद्देनज़र बैरिकेडिंग कर क्षेत्र को सील किया गया।
इंदिरा चौक की यह कार्रवाई आने वाले दिनों में उत्तराखंड के अन्य शहरों के लिए भी एक मिसाल बनेगी, जहां सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण के विरुद्ध इसी प्रकार की योजनाबद्ध कार्यवाहियाँ की जा सकती हैं।
यह खबर न केवल उत्तराखंड में बल्कि पूरे देश में धार्मिक संरचनाओं पर बढ़ती बहस के बीच एक साहसी उदाहरण के तौर पर देखी जाएगी।
