
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के मधुबनी दौरे पर हैं, जहां वे राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर एक विशाल कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। इस दौरे के दौरान वह राज्य को 13,480 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे, जो कि निश्चित ही राज्य की अवसंरचना और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। लेकिन इसी कार्यक्रम के आयोजन पर सियासत गरमा गई है।


राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इस दौरे को लेकर प्रधानमंत्री पर करारा हमला बोला है। आरजेडी ने सवाल उठाया है कि जब पहलगाम हमले में शहीद हुए जवानों की चिताएं अभी जली भी नहीं हैं, तब देश के प्रधानमंत्री किस संवेदनशीलता के साथ बिहार में चुनावी भाषण दे रहे हैं? क्या चुनावी प्रचार देश की सुरक्षा और शोक से ऊपर हो गया है?
आरजेडी का दावा है कि राज्य सरकार प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव डाल रही है कि वे जबरन भीड़ जुटाएं। पंच, सरपंच, वार्ड सदस्य, समिति प्रतिनिधि और ग्राम प्रमुखों को धमका कर मधुबनी बुलाया जा रहा है। यह लोकतंत्र नहीं, एक तरह का अघोषित आपातकाल है। यह आरोप न सिर्फ लोकतंत्र की आत्मा पर सवाल उठाते हैं, बल्कि चुनावी आचार संहिता और जनता की इच्छा की भी अवहेलना करते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम में एक और गंभीर पहलू है, जिस पर देश का मुख्यधारा मीडिया चुप है — सुरक्षा में चूक।
पहलगाम जैसा हमला केवल बंदूक और बारूद का नतीजा नहीं होता, यह खुफिया तंत्र की असफलता और रणनीतिक चूक का प्रतिबिंब होता है। परंतु जब देश की जनता जवाब मांग रही है, तब मीडिया का एक वर्ग केवल हिंदू-मुस्लिम एंगल पर फोकस कर रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का पाकिस्तान के खिलाफ कुछ आर्थिक या कूटनीतिक प्रतिबंध लगाने की बात करना तो ठीक है, लेकिन क्या यह काफी है? क्या यह वही भारत है जिसने 1971 की लड़ाई में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बना लिया था? क्या आज हम वैसी रणनीतिक क्षमता और इच्छाशक्ति रखते हैं?
हमास के खिलाफ इजराइल की जवाबी कार्रवाई एक मिसाल है।
इजराइल ने जब उसके नागरिकों का अपहरण हुआ, तब उसने बिना देर किए जवाबी हमला किया और हमास को लगभग समाप्त कर दिया। भारत क्या उसी निर्णायकता का परिचय देगा या फिर हम केवल राजनीतिक मंचों से बयानबाजी करते रहेंगे?
जब विश्व के प्रमुख राष्ट्र — यहाँ तक कि मुस्लिम देश भी — कश्मीर में हुए नरसंहार पर भारत के साथ खड़े हैं, तब भारत सरकार का कर्तव्य बनता है कि वह भावनात्मक भाषणों से आगे बढ़े और निर्णायक कार्रवाई करे।
इस पूरे घटनाक्रम में यह सवाल महत्वपूर्ण है:
- क्या बिहार की जनता विकास परियोजनाओं की आड़ में एक दुखद राष्ट्रीय त्रासदी को नजरअंदाज कर सकती है?
- क्या देश के प्रधानमंत्री को इस समय कश्मीर को प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए थी?
- क्या चुनावी मंच से कश्मीर का राजनीतिक इस्तेमाल करना नैतिक है?
हिंदुस्तान की जनता आज इस दोराहे पर खड़ी है — जहाँ वह अपने जज़्बातों और सुरक्षा के बीच संतुलन खोज रही है। यह संपादकीय रिपोर्ट सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों और देश के नागरिकों की भावनाओं को स्वर देती है।
देश को आज 1971 जैसी रणनीतिक स्पष्टता चाहिए — भाषणों से नहीं, कर्मों से जीतने वाला भारत।
यह रिपोर्ट हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स और शैल ग्लोबल टाइम्स द्वारा जन भावनाओं और समसामयिक सच्चाई के आधार पर तैयार की गई है।
अवतार सिंह बिष्ट, राज्य आंदोलनकारी एवं विशेष संवाददाता, रूद्रपुर (उत्तराखंड)
भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक की बात को स्वीकार करते हुए एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदार कदम उठाया है। गुरुवार को पार्लियामेंट एनेक्सी बिल्डिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें आईबी और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने नेताओं को सुरक्षा चूक से अवगत कराया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक के बाद कहा कि सभी दलों ने इस मुद्दे पर एकमत होकर सरकार का समर्थन किया है और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई है।
बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित सभी विपक्षी सांसदों ने आतंक की निंदा करते हुए आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की मांग की। राहुल गांधी ने शुक्रवार को अनंतनाग जाकर घायलों से मिलने का निर्णय लिया है, जो एक संवेदनशील कदम है। बैठक की शुरुआत में हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
इस बीच, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त तैयारी का संकेत देते हुए ‘आक्रमण’ नाम से वायुसेना का युद्धाभ्यास शुरू किया है, जिसमें अंबाला और हाशीमारा की राफेल स्क्वॉड्रन हिस्सा ले रही हैं। साथ ही INS सूरत युद्धपोत से समुद्री मिसाइल का सफल परीक्षण भी किया गया।
सरकार और विपक्ष दोनों का मिलकर खड़ा होना भारत की लोकतांत्रिक ताकत और आतंक के खिलाफ एकजुटता को दर्शाता है। यह संदेश साफ है कि भारत आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा और हर मोर्चे पर उसका जवाब देगा।
