खटीमा। आगामी 14 अगस्त को प्रस्तावित विभाजन विभीषिका दिवस के उपलक्ष्य में आज खटीमा में एक आवश्यक बैठक संपन्न हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष का स्मृति कार्यक्रम काशीपुर में आयोजित होगा। कुमाऊं प्रभारी अश्विनी छाबड़ा ने जानकारी दी कि 14 अगस्त को प्रातः 11 बजे काशीपुर में विभाजन विजेता दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभाजन का दंश झेलने वाले पंजाबी समाज के लोगों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया जाएगा।



कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल होंगे। कार्यक्रम के संयोजक काशीपुर में दीपक बाली रहेंगे, जबकि अध्यक्षता उत्तरांचल पंजाबी महासभा के प्रदेश सचिव मनोज वाधवा करेंगे। वाधवा ने बताया कि खटीमा से भी सैकड़ों की संख्या में पंजाबी समाज के लोग इस आयोजन में भाग लेंगे।।✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी)
बैठक में मुख्य रूप से सहसंयोजक संजय भाटिया, पंजाबी महासभा के संरक्षक अश्विनी छाबड़ा, प्रदेश सचिव मनोज बाजवा, नगर अध्यक्ष विजय अरोड़ा, महामंत्री हरीश बत्रा, संरक्षक बाबूराम अरोड़ा, रोहित छाबड़ा, मनोज गुलाटी, अमरजीत सिंह, राजेश बतला, जतिन बत्रा, प्रदीप शर्मा, बिट्टू ग्रोवर एवं शक्ति फार्म के पूर्व अध्यक्ष अजय जैसवाल मौजूद रहे।
काशीपुर में होने वाले इस कार्यक्रम में विभाजन के समय पाकिस्तान से भारत आए परिवारों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा।
संपादकीय:विभाजन विभीषिका दिवस: स्मृतियों का सम्मान और इतिहास से सीख।✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी)
14 अगस्त का दिन भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में एक गहरे घाव की याद दिलाता है। 1947 में हुए भारत-विभाजन ने करोड़ों लोगों को अपनी जड़ों से उखाड़ दिया। पंजाब, सिंध और बंगाल से लाखों लोग अपने घर-आंगन छोड़कर अनजान धरती पर आए, कई ने अपने प्रियजनों को खोया और असहनीय पीड़ा झेली। इस त्रासदी को केवल इतिहास की किताबों में दर्ज कर देना पर्याप्त नहीं, बल्कि इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक जीवंत स्मृति के रूप में संजोना आवश्यक है, ताकि वे समझ सकें कि नफरत और विभाजन की राजनीति का अंत कितना भयावह होता है।
इसी उद्देश्य से विभाजन विभीषिका दिवस का आयोजन महत्त्वपूर्ण है। इस वर्ष 14 अगस्त को काशीपुर में होने वाला कार्यक्रम न केवल विभाजन का दंश झेलने वाले पंजाबी समाज के लोगों को सम्मानित करेगा, बल्कि यह हमारे सामूहिक कर्तव्य की याद भी दिलाएगा—उन लोगों के संघर्ष और बलिदान को भूला न जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति इस आयोजन को और अधिक महत्व प्रदान करेगी।
आज जब समाज कई स्तरों पर विभाजनकारी विचारधाराओं से जूझ रहा है, तब इस दिन का संदेश और प्रासंगिक हो जाता है। विभाजन ने हमें सिखाया कि राजनीतिक स्वार्थ और सांप्रदायिक तनाव किस प्रकार मानवता को चीर सकते हैं। यह स्मृति दिवस हमें एकजुटता, सहिष्णुता और भाईचारे के मूल्यों को मजबूत करने की प्रेरणा देता है।
काशीपुर का यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि पीढ़ियों को यह बताने का अवसर है कि दर्द से उपजी दृढ़ता और परिश्रम ने कैसे विस्थापित परिवारों को नई पहचान और सम्मान दिलाया। हमें इस अवसर का उपयोग नफरत को खत्म करने और मिलजुलकर भविष्य बनाने के संकल्प के लिए करना चाहिए। यही विभाजन विभीषिका दिवस का सच्चा उद्देश्य है।

