लैंड जिहाद’ के खिलाफ सख्त रुख पर कायम है धामी सरकार ! रुद्रपुर में नजूल भूमि पर अवैध मदरसा सील होते ही भड़की भीड़, भाजपा पार्षद नूरुद्दीन के घर पर हमला – 12 आरोपितों पर मामला दर्ज!प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, 50 अन्य अतिक्रमण चिन्हित

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रुद्रपुर, 17 जून 2025 – उत्तराखंड में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ धामी सरकार के सख्त अभियान के तहत रुद्रपुर के पहाड़गंज क्षेत्र में सोमवार को प्रशासन ने वार्ड नंबर 15 की नजूल भूमि पर बने एक अवैध मदरसे को सील कर दिया। यह कार्रवाई एडीएम पंकज उपाध्याय, उपनगर आयुक्त शिप्रा जोशी एवं तहसीलदार दिनेश कुटौला की टीम द्वारा की गई।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

कार्रवाई के बाद उसी शाम इलाके में तनाव फैल गया जब दर्जनों की संख्या में इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ भाजपा पार्षद नूरुद्दीन के घर पर जा धमकी। हमलावर लाठी-डंडों से लैस थे और उन्होंने पार्षद के परिजनों से बदसलूकी करते हुए जान से मारने की धमकी दी। हमले के समय पार्षद नूरुद्दीन घर पर मौजूद नहीं थे।

इस घटना को लेकर पार्षद नूरुद्दीन ने रामपुरा पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने 12 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। थाना प्रभारी प्रियांशु जोशी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की सहायता से हमलावरों की पहचान की जा रही है।

नूरुद्दीन का कहना है कि यह हमला सुनियोजित था और इसका मकसद उन्हें राजनीतिक रूप से डराना और बदनाम करना है। उनका आरोप है कि भाजपा से जुड़ने और पार्षद पद जीतने के बाद से ही कुछ तत्व उन्हें निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अवैध मदरसे की सीलिंग को बहाना बनाकर हमलावरों ने भीड़ को उनके घर भेजा।

प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, 50 अन्य अतिक्रमण चिन्हित

प्रशासन की टीम ने मदरसे को सील करने के साथ-साथ इलाके में 50 अन्य अवैध एवं निर्माणाधीन इमारतों की भी पहचान की है। साथ ही कल्याणी नदी किनारे बड़े पैमाने पर हो रहे अतिक्रमण का भी निरीक्षण किया गया। मदरसा कमेटी को भूमि के स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।

एडीएम पंकज उपाध्याय ने बताया कि “कल्याणी नदी किनारे हो रहा अतिक्रमण गंभीर चिंता का विषय है और जल्द ही व्यापक स्तर पर हटाने की कार्रवाई की जाएगी।”

‘लैंड जिहाद’ के खिलाफ सख्त रुख पर कायम है धामी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार अवैध अतिक्रमण और खासकर सरकारी, वन एवं नजूल भूमि पर बने अवैध धार्मिक ढांचों के खिलाफ व्यापक अभियान चला रही है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2023 तक 5000 एकड़ से अधिक जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जा चुका है। साथ ही, 26 से अधिक अवैध मजारों को भी हटाया गया है।

हाल ही में 20 मार्च 2025 को उधम सिंह नगर में 16 और हरिद्वार में 2 अवैध मदरसों को सील किया गया था। अब तक पूरे प्रदेश में 110 से अधिक अवैध मदरसों को सील किया जा चुका है, जबकि 200 से अधिक ऐसे मदरसों की पहचान की गई है जो सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बने हैं। अकेले उधम सिंह नगर में 129, देहरादून में 57 और नैनीताल में 26 अवैध मदरसे चिन्हित किए गए हैं।

राजनीतिक माहौल में बढ़ता तनाव

रुद्रपुर की यह घटना न सिर्फ प्रशासनिक सख्ती का परिणाम है बल्कि इससे राजनीतिक और सामाजिक तनाव भी उजागर होता है। भाजपा पार्षद नूरुद्दीन पर हमला इस बात की चेतावनी है कि ‘लैंड जिहाद’ के खिलाफ चल रहे अभियान को कट्टरपंथी तत्व किस तरह हिंसक रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।

पार्षद नूरुद्दीन ने प्रशासन से अपनी सुरक्षा की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है। उन्होंने कहा कि “भाजपा से जुड़ने की कीमत मुझे धमकियों और हमलों के रूप में चुकानी पड़ रही है। लेकिन मैं डरूंगा नहीं, यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं, पूरे रुद्रपुर की है।”

रुद्रपुर की घटना एक बार फिर साबित करती है कि अवैध कब्जे और धार्मिक कट्टरता का घातक मेल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। धामी सरकार का अतिक्रमण विरोधी अभियान जहां एक ओर कानून का शासन स्थापित करने का प्रयास है, वहीं दूसरी ओर ऐसे अभियान को कुछ कट्टरपंथी तत्व अपने हितों के विरुद्ध मानकर साम्प्रदायिक तनाव भड़काने में भी लगे हैं।राज्य सरकार के इस अभियान की सफलता न केवल प्रशासनिक इच्छाशक्ति पर निर्भर है, बल्कि कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वाले तत्वों के खिलाफ त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई पर भी टिकी है। रुद्रपुर की यह घटना उत्तराखंड के लिए एक चेतावनी है कि कानून का राज कायम रखने के लिए अब ‘सख्ती ही सच्चा सेक्युलरिज़्म’ बन गया है।


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