रुद्रपुर में विकास प्राधिकरण का दायरा बढ़ेगा, अवैध कॉलोनियों पर पैनी नजर : डीएम भदौरिया

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रुद्रपुर, 06 मई 2025जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने मंगलवार को कैम्प कार्यालय में विकास कार्यों और रजिस्ट्री प्रक्रिया को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने जिला विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को जनपद में प्राधिकरण का दायरा बढ़ाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

डीएम ने कहा कि जनपद की सीमा क्षेत्रों में अनियंत्रित रूप से बस रहीं कॉलोनियों और हो रही बसावट पर उप जिलाधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अवैध कॉलोनियों की पहचान कर आवश्यकतानुसार उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि जो क्षेत्र जिला विकास प्राधिकरण के अन्तर्गत आते हैं, वहां प्लॉटों का पंजीकरण केवल प्राधिकरण की अनुमति के बाद ही हो। वहीं, जो क्षेत्र प्राधिकरण के बाहर हैं, उन कॉलोनियों या भूखण्डों का पंजीकरण रेरा (RERA) में अनिवार्य रूप से कराना होगा। इससे आम नागरिकों को पारदर्शिता और विधिसम्मत निर्माण में सहायता मिलेगी।

जिलाधिकारी ने शहरी क्षेत्रों में प्रचलित एक आम भ्रांति पर भी टिप्पणी की, जिसमें हाउस टैक्स देने वालों को भू-स्वामित्व का अधिकार समझ लिया जाता है। उन्होंने कहा कि हाउस टैक्स जमा होने से भू-स्वामित्व का अधिकार प्राप्त नहीं होता। अतः रजिस्ट्री करते समय प्रॉपर्टी रजिस्टर या खतौनी देखना अनिवार्य है।

सभी उप जिलाधिकारियों और सब-रजिस्ट्रारों को नगर निकाय अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक कर प्रॉपर्टी रजिस्टर की जांच-पड़ताल करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि गलत तरीके से हो रही रजिस्ट्री पर रोक लग सके और वास्तविक मालिकों के अधिकारों की रक्षा हो सके।

बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित अधिकारी:

  • जय किशन, उपाध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण
  • अशोक कुमार जोशी, अपर जिलाधिकारी
  • मनीष बिष्ट, उप जिलाधिकारी
  • अभय प्रताप सिंह, उप जिलाधिकारी
  • गौरव पांडे, ओसी
  • सुधांशु त्रिपाठी, सहायक आयुक्त निबंधन
  • सभी सहायक निबंधक
  • अन्य उप जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।

जिलाधिकारी द्वारा उठाए गए ये कदम न केवल रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाएंगे, बल्कि अवैध निर्माण गतिविधियों पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने में सहायक होंगे।



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