ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपने जासूसी की खूब सारी खबरें सुनी होंगी. अब जो खबर सामने आई है, हर कोई हैरान हो जाएगा. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भारत के खिलाफ जासूसी और फेक न्यूज का जाल लगातार बिछा रही है.

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राजस्थान पुलिस ने हाल ही में हनीफ खान को जासूसी के आरोप में पकड़ा. यह जैसलमेर में इस साल की चौथी गिरफ्तारी है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी थी कि ISI भारत के खिलाफ साजिश रच रही है.

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

पिछले कुछ महीनों में देश में जासूसी से संबंधित गिरफ्तारियों की संख्या में लगातार तेजी आई है. जिसके साफ पता चलता है कि आईएसआई ने भारत में जासूसी अभियान बढ़ा दिए हैं. आईएसआई के जासूसी अभियान उसकी यूनिट 412 द्वारा चलाए जाते हैं, जिसका मुख्यालय कराची में है. यह वही यूनिट है जो हनी ट्रैप रैकेट चलाती है. एजेंसियों को पता चला है कि यह यूनिट अब बहुत सक्रिय है और कई तरह के काम करती है. अब जानें यूनिट 412 की पूरी कहानी.

यूनिट 412 जासूसी और हनी ट्रैप का अड्डा
ISI की कराची बेस्ड यूनिट 412 इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड है. यह यूनिट न सिर्फ जासूसी करती है, बल्कि हनी ट्रैप और फेक न्यूज का धंधा भी चलाती है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, यह यूनिट अब पहले से कहीं ज्यादा एक्टिव है. यूनिट 412 सोशल मीडिया पर हजारों फर्जी अकाउंट्स चलाती है, जिनसे भारत के खिलाफ झूठी खबरें फैलाई जाती हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के नुकसान की फर्जी पोस्ट्स वायरल की गई थीं, ताकि भारत की छवि खराब हो और पाकिस्तान की हार छिपाई जाए.

हनी ट्रैप का जाल: लड़कियां, पैसा और धमकी
इस यूनिट के पास एक बड़ा बजट भी है जिसका इस्तेमाल भारतीयों को जानकारी देने के लिए लुभाने के लिए किया जाता है. इसमें बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी भी हैं जिन्हें हनी ट्रैप बिछाने का काम सौंपा गया है. अधिकारियों का कहना है कि यूनिट 412 भारत के भीतर भी मॉड्यूल संचालित करती है. इसने विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करके कई लोगों को काम पर रखा है. इनमें पैसा, जाल और कभी-कभी धमकियां भी शामिल हैं.

अपने जाल में फंसाती हैं लड़कियां
इसने कई महिलाओं को भी काम पर रखा है जिनके हिंदू नाम हैं. उनका काम उन अधिकारियों को फंसाना है जो संवेदनशील जानकारी से वाकिफ हैं. यह यूनिट आकर्षक महिलाओं को काम पर रखती है जिन्हें सेना के घेरे में घूमने का निर्देश दिया जाता है. उनका काम अधिकारियों के करीब जाना और संवेदनशील जानकारी के बदले जाल बिछाना है.
हाल के दिनों में, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कई लोगों को, जिनमें प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं, गिरफ्तार किया है. इन प्रभावशाली लोगों को पाकिस्तान की अच्छी तस्वीर पेश करने के लिए नियुक्त किया गया था. बाद में इस जानकारी का इस्तेमाल भारत पर पाकिस्तान को बदनाम करने का आरोप लगाकर उसकी छवि खराब करने के लिए किया जाता है.

वे पाकिस्तान को सकारात्मक रूप में पेश करने के लिए इन प्रभावशाली लोगों के वीडियो और टेक्स्ट का हवाला देते हैं. अधिकारियों का कहना है कि देश में काफ़ी सड़ांध फैली हुई है और इसे साफ़ करने की ज़रूरत है. दोनों देशों के बीच तनाव बहुत ज़्यादा है और ऐसे समय में, संवेदनशील जानकारी का पाकिस्तान पहुंचना बेहद ख़तरनाक है.
आम लोगों की गिरफ़्तारी चिंता का विषय है, लेकिन ज़्यादा चिंता की बात यह है कि आईएसआई सरकारी संगठनों में काम करने वाले लोगों को फंसा रही है.

जासूसी की लहर: सरकारी कर्मचारियों पर भी खतरा
पिछले कुछ महीनों में जासूसी के मामलों में तेजी आई है. अप्रैल 2025 में सीआरपीएफ के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर मोती राम को जासूसी के शक में पकड़ा गया. एनआईए जांच कर रही है कि क्या उन्होंने आतंकियों को पहलगाम की जानकारी दी.

यूनिट 412 की महिलाएं कैसे करती हैं काम
यूनिट 412 की महिलाएं प्रोवोकेटिव तस्वीरें पोस्ट कर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती हैं. अगर कोई रिक्वेस्ट मान लेता है, तो दोस्ती बढ़ाकर उसे फंसाया जाता है. अगर यूनिट 412 के सदस्यों को कोई दिलचस्प व्यक्ति मिलता है, तो वे अपनी महिला कर्मचारियों को भड़काऊ तस्वीरें पोस्ट करने और ऐसे लोगों को तब तक फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने के लिए कहते हैं जब तक कि कम से कम एक रिक्वेस्ट स्वीकार न हो जाए. एक बार ऐसा हो जाने पर, उस व्यक्ति से दोस्ती करने और फिर उसे ब्लैकमेल करके जानकारी देने के लिए फंसाने की अथक कोशिश की जाती है.

यूनिट 412 ने भारत में कई संपर्क स्थापित किए
जैसा कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई जांच से पता चला है कि हाल के सालों में यूनिट 412 ने भारत में कई संपर्क स्थापित किए हैं. ऐसी इकाइयों की अधिकतम संख्या राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश में पाई गई है. जिस तरह भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के बाद आईएसआई चाहती है कि उसके सभी आतंकवादी समूह एक ही जगह से काम करें, उसी तरह इन इकाइयों के बारे में भी एक समान प्रवृत्ति देखी गई है.

हर साल 4,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही ISI
ऑपरेशन के बाद, फरीदकोट से संचालित हनी ट्रैप मॉड्यूल को कराची स्थानांतरित कर दिया गया था. वर्तमान में, सभी जासूसी अभियान कराची से संचालित किए जा रहे हैं.
भारतीय एजेंसियों का अनुमान है कि आईएसआई 412 जैसी इकाइयों को चलाने पर सालाना लगभग 4,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. इस पैसे से भारतीयों को लालच, धमकी या हनी ट्रैप में फंसाकर सेंसिटिव जानकारी चुराई जाती है. यूनिट में कई महिलाएं काम करती हैं, जिन्हें हिंदू नाम दिए जाते हैं. ये महिलाएं आर्मी अफसरों और सेंसिटिव जानकारी रखने वाले लोगों को टारगेट करती हैं. इन महिलाओं को आर्मी सर्कल में घूमने और अफसरों से दोस्ती करने का टास्क मिलता है. एक बार कोई फंस गया, तो उसे ब्लैकमेल कर जानकारी निकाली जाती है. यही नहीं, कई इंफ्लुएंसर्स को भी हायर किया गया, जो पाकिस्तान की तारीफ कर भारत को बदनाम करते हैं.


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