
उत्तराखंड में आज त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का प्रथम चरण केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जड़ों को मजबूती देने वाला महाअभियान है। 49 विकासखंडों में फैले 5823 बूथों पर 26 लाख मतदाता आज 17829 प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला करेंगे। हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों में ग्राम पंचायत सदस्य, प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य जैसे 6049 पदों के लिए मतदान हो रहा है। यह अवसर है ग्राम स्वराज्य की उस कल्पना को साकार करने का, जिसकी नींव महात्मा गांधी ने रखी थी।
राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियों से लेकर एसएसपी मणिकांत मिश्रा की सतर्कता तक, हर स्तर पर प्रशासन पूरी मुस्तैदी से डटा है। शराब तस्करों की धरपकड़ हो या हेलीकॉप्टरों की तैनाती—इन सबका उद्देश्य स्पष्ट है: निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भयमुक्त चुनाव कराना। काशीपुर में हरियाणा से लाई जा रही 230 शराब पेटियों की जब्ती यह भी दर्शाती है कि लोकतंत्र को गंदा करने वाली ताकतें अब भी सक्रिय हैं, परंतु इस बार प्रशासन और मतदाता दोनों सजग हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों से अधिकाधिक मतदान की अपील कर यह स्पष्ट कर दिया है कि पंचायत चुनाव केवल सत्ता परिवर्तन नहीं, विकास की दिशा तय करने का यंत्र है। ग्राम प्रधान और पंचायतें महज स्थानीय निकाय नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास योजनाओं के संवाहक हैं। यह वही व्यवस्था है जो सड़क, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताओं का सीधा समाधान देती है।
पिथौरागढ़ और देहरादून में हेलीकॉप्टर की तैनाती यह भी दर्शाती है कि राज्य सरकार दुर्गम क्षेत्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को लेकर गंभीर है। वहीं CHC-PHC स्तर पर की गई स्वास्थ्य व्यवस्थाएं मतदान में लगे कार्मिकों और नागरिकों के लिए सुदृढ़ सपोर्ट सिस्टम प्रदान करेंगी।
गदरपुर, सितारगंज और खटीमा जैसे संवेदनशील इलाकों में जिलाधिकारी नितिन भदौरिया और एसएसपी मिश्रा की सक्रियता बताती है कि प्रशासन इस चुनाव को केवल कानून-व्यवस्था का मसला नहीं, बल्कि जनता के विश्वास का प्रश्न मान रहा है। मतदान अधिकारियों को दिए गए निर्देश—किसी का आतिथ्य न स्वीकारें, बूथ पर ही रहें—यह भरोसा जगाते हैं कि इस बार गांवों की सरकारें वाकई जनता की भावनाओं के अनुरूप चुनी जाएंगी।
चुनाव केवल नेताओं के भाग्य नहीं, हमारे भविष्य की रूपरेखा तय करते हैं। एक वोट सिर्फ मत नहीं, उत्तराखंड के गांवों की दशा और दिशा का निर्धारक है। हर घर, हर व्यक्ति की भागीदारी ही लोकतंत्र को संजीवनी देती है।
आज का दिन है जनता के जनादेश का, संकल्प का और सही नेतृत्व चुनने का। आइए, बूथ की ओर बढ़ें और गांव की सरकार अपने हाथों से चुनें।
हिन्दुस्तान ग्लोबल टाइम्स, संपादकीय टीम
“आपका वोट, आपके गांव का भविष्य”



