संपादकीय लेख:आध्यात्मिक तपस्या और वैदिक परंपरा के प्रखर ध्वजवाहक – पंडित त्रिलोचन पनेरू? रुद्रपुर के वैदिक दीपस्तंभ –

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साईं इतना दीजिये, जामे कुटुंब समाय। मैं भी भूखा न रहूँ, साधु ना भूखा जाय ॥

यह श्लोक केवल भिक्षा या दान का भाव नहीं, बल्कि एक सच्चे ब्राह्मण के जीवन दर्शन का प्रतीक है — और इसी भाव को अपने आचरण में जीवंत करते हैं पंडित त्रिलोचन पनेरू।।✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी)

शैल सांस्कृतिक समिति (शैल परिषद) रूद्रपुर उत्तराखंड

रुद्रपुर निवासी पंडित त्रिलोचन पनेरू वैदिक परंपरा में पारंगत, शांत स्वभाव, संतोषी मन और आध्यात्मिक तेज से ओत-प्रोत ब्राह्मण हैं। सत्यनारायण कथा, विवाह संस्कार, हवन, यज्ञ, गृह प्रवेश, एवं 16 संस्कारों में उनकी दक्षता अद्वितीय है। वे प्रत्येक अनुष्ठान में वैदिक मंत्रों के शुद्ध उच्चारण और परंपरागत विधि-विधान का पालन करते हैं, जिससे आयोजन केवल एक रस्म नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव बन जाता है।

उनकी पूजा-पद्धति में ऐसी आत्मिक ऊर्जा होती है कि श्रद्धालु तत्काल आंतरिक शांति और आध्यात्मिक संतोष का अनुभव करते हैं। मानो ब्रह्मा, विष्णु और महेश से सीधा आशीर्वाद प्राप्त हो रहा हो। यही कारण है कि वे जजमानों में अत्यंत लोकप्रिय हैं—न केवल धार्मिक योग्यता के कारण, बल्कि अपने सहज, विनम्र और सेवा-भावी व्यक्तित्व के कारण भी।

आज के समय में, जब दिखावा और औपचारिकता धर्म के मूल भाव को धूमिल कर रही है, पंडित त्रिलोचन पनेरू जैसे ब्राह्मण इस बात का प्रमाण हैं कि सनातन धर्म की जड़ें आज भी जीवित हैं, मजबूत हैं और आशीर्वाद स्वरूप फल देने वाली हैं


उत्तराखंड के वैदिक दीपस्तंभ – पंडित त्रिलोचन पनेरू?उत्तराखंड की पवित्र धरती पर जन्मे पंडित त्रिलोचन पनेरू आज उत्तराखंड के उन चुनिंदा ब्राह्मणों में गिने जाते हैं, जिन्होंने वैदिक परंपरा और धार्मिक संस्कारों को जीवन का मुख्य उद्देश्य बना लिया है। वे न केवल एक श्रेष्ठ पुजारी हैं, बल्कि आध्यात्मिक गुरु, संस्कारों के संवाहक और समाज को धर्म के पथ पर अग्रसर करने वाले पथप्रदर्शक भी हैं।

आज के समय में, जब आडंबर और भौतिकता धर्म की मूल भावना को कमजोर कर रहे हैं, पंडित त्रिलोचन पनेरू अपनी निष्ठा, ज्ञान और सेवा भावना से यह सिद्ध करते हैं कि सनातन धर्म की जड़ें अब भी अडिग और जीवंत हैं। निस्संदेह, वे उत्तराखंड के एक सच्चे वैदिक दीपस्तंभ हैं।


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