संपादकीय“लुटेरे और चोरों के लिए केवल जेल — SSP डॉ. मंजूनाथ टी.सी. की सख्त कानून व्यवस्था की नीति”

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हल्द्वानी और पूरे नैनीताल जनपद में पिछले कुछ दिनों से जिस तेजी से पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ शिकंजा कसा है, उसने जनता के भीतर एक नया भरोसा जगाया है। “लुटेरे और चोरों के लिए केवल और केवल जेल” — यह नारा नहीं, बल्कि SSP डॉ. मंजूनाथ टी.सी. की कार्यशैली का प्रतीक बन चुका है। आनंद बाग में एक बुजुर्ग व्यक्ति से मोबाइल और नकदी लूट की घटना का कुछ ही घंटों में खुलासा कर देना यह साबित करता है कि डॉ. मंजूनाथ न केवल तेजतर्रार अधिकारी हैं बल्कि अपराध पर शून्य सहिष्णुता की नीति पर भी दृढ़ हैं।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

उनके नेतृत्व में नैनीताल पुलिस ने अपराधियों को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि “देवभूमि में अपराध का कोई ठिकाना नहीं।” उन्होंने स्वयं कहा — “जनपद में कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों के लिए केवल और केवल जेल ही रास्ता है।” यही सख्त चेतावनी अपराधियों के हौसले पस्त कर रही है।

लेकिन डॉ. मंजूनाथ केवल सख्त पुलिस अधिकारी ही नहीं, बल्कि समाज-सुधारक दृष्टिकोण रखने वाले संवेदनशील प्रशासक भी हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों पर निगरानी रखें ताकि वे गलत संगत और अपराध के रास्ते पर न बढ़ें। यह अपील बताती है कि SSP अपराध के लक्षण नहीं, बल्कि उसके कारणों को मिटाने की दिशा में भी सोचते हैं।

अगर हम उनके पिछले कार्यकाल की बात करें, जब वे उधम सिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रहे, तब भी उन्होंने अपराधियों के खिलाफ कड़े अभियान चलाए थे। ट्रांजिट कैंप, किच्छा, गदरपुर और जसपुर जैसे अपराध-प्रवण क्षेत्रों में उनकी रणनीतिक कार्यशैली ने अपराध पर लगाम लगाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
उन्होंने उधम सिंह नगर में “ऑपरेशन क्लीन” के तहत सैकड़ों अपराधियों को जेल भेजा, अवैध शराब और नशे के कारोबारियों पर कार्रवाई की, और कई अंधे हत्या और लूट के मामलों का त्वरित खुलासा कर जनता का विश्वास जीता। उनकी सबसे बड़ी विशेषता रही है — मैदान में उतरकर खुद नेतृत्व करना।

डॉ. मंजूनाथ टी.सी. एक ऐसे पुलिस अधिकारी हैं जिनके लिए कानून व्यवस्था केवल ड्यूटी नहीं, बल्कि मिशन है। उनका हर आदेश यही कहता है कि पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए है और अपराधियों के लिए देवभूमि में कोई स्थान नहीं।

आज जब उत्तराखंड अपराध और नशे के जाल से जूझ रहा है, ऐसे में मंजूनाथ टी.सी. जैसे सख्त, निष्पक्ष और जनोन्मुख पुलिस अधिकारी ही जनता के भरोसे को जिंदा रख सकते हैं।


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