
रुद्रपुर मुख्यमंत्री धामी से भारत भूषण चुघ की मुलाकात—महत्वपूर्ण दायित्व की आहटरुद्रपुर से काशीपुर तक भाजपा संगठन में अपनी निष्ठा और सक्रियता के लिए पहचाने जाने वाले भारत भूषण चुघ ने हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आमने-सामने मुलाकात की। यह मुलाकात केवल औपचारिक नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री धामी ने चुघ से कई संगठनात्मक और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें भूरारानी, शांति विहार, बिन्दुखेड़ा और आरएएन पब्लिक स्कूल क्षेत्र की समस्याएं प्रमुख रहीं।

धामी सरकार 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अब संगठन में निष्ठावान और जमीनी कार्यकर्ताओं को अहम जिम्मेदारी देने के मूड में है। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत भूषण चुघ को निकट भविष्य में उत्तराखंड सरकार में कोई महत्वपूर्ण दायित्व मिल सकता है। चुघ की सादगी, कार्य के प्रति समर्पण और संगठन के साथ वर्षों का अनुभव उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाता है।
मुख्यमंत्री धामी की कार्यशैली में योग्यता और निष्ठा को सम्मान देने की परंपरा रही है। यदि यह मुलाकात किसी बड़े निर्णय की भूमिका बनती है, तो यह संदेश स्पष्ट होगा—उत्तराखंड में अब वफादारी और कार्यशीलता ही असली पहचान होगी।
अवतार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार, हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स)
उत्तराखंड,राजनीति में मुलाकातें अक्सर संदेशों से ज्यादा संकेतों से भरी होती हैं। रुद्रपुर में हाल ही में हुई एक मुलाकात ने भी यही संदेश दिया है। काशीपुर जिला भाजपा सह प्रभारी भारत भूषण चुघ की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट ने उत्तराखंड की सियासत में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। बताया जा रहा है कि यह मुलाकात सामान्य नहीं, बल्कि 2027 की राजनीतिक तैयारियों की भूमिका है।
चुघ लंबे समय से भाजपा संगठन में सक्रिय और निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने जमीनी स्तर पर पार्टी की नीतियों को जन-जन तक पहुँचाने में लगातार योगदान दिया है। भूरारानी, शांति विहार, बिन्दुखेड़ा और आरएएन पब्लिक स्कूल क्षेत्र में जलभराव जैसी स्थानीय समस्याओं को लेकर उनकी सजगता बताती है कि वे केवल राजनीतिक व्यक्ति नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी को भी गंभीरता से समझते हैं। यही वजह है कि उनकी मुख्यमंत्री से हुई यह मुलाकात “शिष्टाचार भेंट” से कहीं अधिक महत्व रखती है।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री धामी की लॉबी अब उन लोगों को आगे लाने की दिशा में सक्रिय है, जिन्होंने बिना स्वार्थ संगठन और सरकार के प्रति समर्पण दिखाया। 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अब उन चेहरों को टीम में शामिल करना चाहते हैं, जो जमीनी हकीकत को समझते हों और पार्टी के प्रति पूर्ण वफादार हों।
ऐसे में माना जा रहा है कि भारत भूषण चुघ जैसे कार्यकर्ताओं को आने वाले समय में कोई महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा जा सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में स्थिर शासन और अनुशासन की एक मिसाल पेश की है। वे जानते हैं कि उत्तराखंड की राजनीति में अब केवल बड़े नाम नहीं, बल्कि कार्य की विश्वसनीयता मायने रखती है। यही वजह है कि वे पार्टी संगठन और सरकार दोनों में निष्ठावान और जमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मान देने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
राजनीतिक समीक्षक मानते हैं कि 2027 का चुनाव धामी सरकार के लिए “परीक्षा की घड़ी” होगा। भ्रष्टाचार, पलायन, बेरोजगारी और जनसुविधाओं के मुद्दों पर जनता की नजरें अब सीधे सरकार पर हैं। इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अपनी टीम में ऐसे लोगों को लाना चाहते हैं, जिनकी छवि साफ हो और जनता के बीच विश्वसनीयता कायम हो सके।
भारत भूषण चुघ की यह मुलाकात उसी नई दिशा की प्रतीक है। चुघ संगठन के उन चेहरों में से हैं जो न तो मीडिया की सुर्खियों में रहने की कोशिश करते हैं, न ही व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए राजनीति करते हैं। उनकी शैली शांत, व्यावहारिक और संवादशील है — जो मुख्यमंत्री धामी के कार्यशैली से मेल खाती है।
यह भी दिलचस्प है कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में पिछले कुछ महीनों से “विश्वास की राजनीति” पर विशेष जोर दिया जा रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री उन सभी जिलों से ऐसे नाम चिन्हित कर रहे हैं, जिन्होंने पिछले वर्षों में बिना पद के काम किया और जनता के साथ जुड़े रहे। यही लोग अब “धामी मिशन 2027” के रणनीतिक स्तंभ बन सकते हैं।
रुद्रपुर, काशीपुर और ऊधमसिंहनगर क्षेत्र से अगर कोई नया चेहरा सरकार या संगठन में स्थान पाता है, तो वह निश्चित रूप से संगठन की निष्ठा और मेहनत की जीत होगी। इस दृष्टि से चुघ की मुलाकात केवल शिष्टाचार नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संकेत है कि मुख्यमंत्री अब “टीम धामी 2027” की नींव तैयार कर रहे हैं।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुलाकात के बाद कौन-कौन से नए चेहरों को जिम्मेदारी मिलती है और भाजपा संगठन अपने जमीनी सिपाहियों को कैसे सम्मानित करता है। लेकिन एक बात स्पष्ट है—मुख्यमंत्री धामी की राजनीति अब केवल सत्ता पर नहीं, बल्कि संगठन और समर्पण की मजबूती पर केंद्रित है।
इसलिए कहा जा सकता है कि भारत भूषण चुघ और मुख्यमंत्री धामी की यह भेंट उत्तराखंड की राजनीति में एक “नए युग की शुरुआत” का संकेत हो सकती है — जहां कर्मठता, निष्ठा और जनता से जुड़ाव ही असली पहचान बनेगी।
(लेखक: अवतार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी)
प्रकाशन: हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, 1 अक्टूबर 2025


