
दरअसल, कैलाश मानसरोवर यात्रा करना आने वाले समय में बेहद आसान होने जा रही है। कैलाश मानसरोवर का बड़ा इलाका चीन के हिस्से में आता है। ऐसे में यहां जाने के लिए चीन की परमिशन लेना आवश्यक है। कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा अपडेट दिया है। उन्होंने बताया कि इस सीधे रोड के बनने से किसी दूसरे देश जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जानिए इस प्रोजेक्ट का कितना काम हुआ और कब तक इसको शुरू कर दिया जाएगा?


शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता
तैयार हो रहा सीधा रास्ता
एक चैनल पर इंटरव्यू के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मानसरोवर की यात्रा को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। आपको बता दें कि अब मानसरोवर जाने के लिए चीन या नेपाल होकर जाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि भारत में ही इसका सीधा रास्ता तैयार किया जा रहा है। नितिन गडकरी ने बताया कि अभी मानसरोवर जाने के लिए दो रास्ते हैं, जिनमें से एक नेपाल से जाता है। उन्होंने कहा कि हम अब उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से सीधा रास्ता मानसरोवर के लिए बना रहे हैं। हालांकि, इस रोड के काम में बहुत मुश्किल आ रही हैं, क्योंकि वहां पर पारा माइनस में रहता है। उन्होंने बताया कि यहां पर बहुत प्रतिकूल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं।
कितना काम हुआ पूरा?
नितिन गडकरी ने बताया कि अभी इस रोड का काम 85 फीसदी से 90 फीसदी तक हो चुका है। उन्होंने कहा कि वहां पर काम करने में बहुत परेशानियां हैं, लेकिन मैं बाकी के 10 फीसदी काम को लेकर उम्मीद करता हूं कि यह अप्रैल 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, नितिन गडकरी ने ये भी बताया कि उनको खुद मानसरोवर जाना है। उन्होंने इस रोड के बनने तक अपनी पत्नी को भी जाने से रोका हुआ है, क्योंकि वह इस भारत के रास्ते से वहां जाना चाहते हैं।
आपको बता दें कि भारतीय कैलाश मानसरोवर जाने के लिए नेपाल की राजधानी काठमांडू से होकर जाते हैं। उत्तराखंड में बन रही नई सड़क नेपाल और सिक्किम के मौजूदा रास्तों को बायपास कर देगी, जिससे कैलाश मानसरोवर का रास्ता एकदम सीधा हो जाएगा।
