
उन्होंने कहा कि हमने कभी भी भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों की तैनाती पर विचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे गंभीर हालात बनते हैं कि आपको कुछ फैसले लेने पड़ते हैं, लेकिन हम बिना परमाणु हथियारों को तैनात किए ही तनाव से निपटने में सक्षम हैं।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
यही नहीं इशाक डार ने एक और गीदड़भभकी देते हुए कहा कि यदि सिंधु जल समझौते का मसला हल नहीं हुआ तो फिर भारत और पाकिस्तान के बीच लागू हुआ सीजफायर खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली अगली मीटिंग में इस पर बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जल समझौते का मसला हल नहीं हुआ तो फिर यह जंग वाली हरकत मानी जाएगी। यही नहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा क्षेत्रीय शांति के लिए महत्वपूर्ण है। डार ने कहा कि यदि कश्मीर के मसले का हल नहीं होगा तो फिर स्थायी शांति भी मुश्किल होगी।
पाकिस्तानी मंत्री के बयान से साफ है कि सिंधु जल समझौते को रोका जाना उसे बहुत अखर रहा है। दरअसल पाकिस्तान में पंजाब से लेकर सिंध तक सिंधु नदी का जल खेतों की सिंचाई से लेकर पेयजल तक के लिए महत्वपूर्ण है। फिलहाल भारत ने सिंधु जल समझौते को रोकने का ही ऐलान किया है और इसका कोई असर जमीन पर नहीं है। लेकिन भारत सरकार ने जिस तरह से पनबिजली परियोजनाओं पर डैम के निर्माण में तेजी लाने के प्रयास शुरू किए हैं, उससे पाक में आशंकाओं का दौर है। पाकिस्तानियों को लगता है कि भारत यदि सिंधु का जल मोड़ने में सफल रहा तो उन्हें पीने के पानी से लेकर फसलों तक का संकट झेलना होगा। यही वजह है कि पहले से ही पाकिस्तानी धमकियां देने पर उतारू हो गए हैं।

