
अल्मोड़ा।उत्तराखंड के अतिथि शिक्षकों ने चितई गोलू देवता के दरबार में पहुंचकर अपनी दशा और पीड़ा सुनाई। संगठन के कुमाऊं मंडल अध्यक्ष संतोष टम्टा के नेतृत्व में अतिथि शिक्षकों ने देवभूमि के न्यायप्रिय इष्टदेव से प्रार्थना की कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग को सद्बुद्धि मिले और उनके साथ न्याय हो।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी)
अतिथि शिक्षकों ने कहा कि वे पिछले 10 वर्षों से दुर्गम व अतिदुर्गम विद्यालयों में निष्ठा के साथ शिक्षण कार्य कर रहे हैं, बावजूद इसके उनका शोषण किया जा रहा है। उनका कहना है कि बीते एक-दो वर्षों से जनवरी और जून माह का मानदेय ही रोक दिया गया है, जिससे आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और विभाग की ठोस नीति न होने के कारण उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है। इसी कारण कई शिक्षकों को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी है।
अतिथि शिक्षकों ने गोलू देवता से प्रार्थना की कि वे सरकार और विभाग को सही मार्गदर्शन दें, ताकि न्यायालय में विचाराधीन मामलों में भी शिक्षकों के पक्ष में निर्णय हो सके और उनके साथ न्याय स्थापित हो।
संगठन के मंडल महामंत्री गंगा सागर, संयुक्त मंत्री उमा नेगी, संगठन मंत्री दिनेश टम्टा, महिला एकता रायखल, सुमन वर्मा, सुभाष जोशी, विनोद मेहरा, मीडिया प्रभारी नंदन सिंह राठौर, विधिक सलाहकार शिवांशु पंत व नासिर अहमद सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
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