
भीमताल।नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान 14 अगस्त को हुई कथित अपहरण घटना को लेकर पूर्व दर्जा राज्यमंत्री एवं सामाजिक कार्यकर्ता हरीश पनेरु ने कड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण को लोकतंत्र का काला अध्याय बताते हुए कहा कि नैनीताल जैसे शांत और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध जिले को इस घटना ने कलंकित कर दिया है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी)
पनेरु ने कहा कि पांच नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों को मतदान से रोकने के लिए बंदूक और तलवार के दम पर अगवा किया जाना लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा प्रहार है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कृत्य में सत्ताधारी नेताओं की संलिप्तता के साथ-साथ पुलिस प्रशासन, खासकर नैनीताल एसएसपी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने इस मामले में चुनाव परिणाम पर रोक लगा दी है, बावजूद इसके सत्तापक्ष द्वारा जीत का जश्न मनाना संविधान और न्यायपालिका का अपमान है। फेसबुक पर जारी किया गया वीडियो, जिसमें सदस्यों को अपनी इच्छा से बाहर घूमने गया बताया गया, पनेरु के अनुसार, “एक बड़ा षड्यंत्र” प्रतीत होता है। उन्होंने तर्क दिया कि मतदान के दिन अचानक घूमने निकल जाना जनता के गले नहीं उतर रहा।
हरीश पनेरु ने विशेष रूप से भीमताल विधायक की चुप्पी पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पांच अपहृत सदस्यों में से चार भीमताल क्षेत्र के हैं, लेकिन विधायक ने न तो परिजनों से मुलाकात की और न ही चिंता जताई। उलटे वह व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप में उलझे हुए हैं, जबकि जनता यह जानना चाहती है कि आखिर उनके प्रतिनिधि कहां हैं।
उन्होंने कहा कि इस घटना ने जनता का विश्वास तोड़ा है और यह क्षेत्र की जनता के साथ विश्वासघात है। पनेरु ने कहा कि सत्ता के लालच में इस प्रकार के कुकृत्य किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं हैं और जनता इसका जवाब अवश्य देगी।
अंत में उन्होंने प्रदेश की जनता का आभार जताते हुए कहा कि लोग इस मामले में जागरूक हो रहे हैं और गलत को गलत कहने का साहस दिखा रहे हैं। यही जागरूकता लोकतंत्र और देवभूमि उत्तराखंड के गौरव की रक्षा करेगी।


