
रुद्रपुर नगर निगम के सहयोग से आयोजित महिला हाट बाजार ने यह साबित कर दिया कि यदि अवसर और मंच मिले तो महिलाएं समाज में न केवल अपनी पहचान बना सकती हैं, बल्कि सेवा, स्वदेशी और स्वच्छता के संदेश को व्यापक रूप से फैला सकती हैं। यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिन समारोह से जुड़कर और भी विशेष बन गया।



इस आयोजन में नारी शक्ति स्वयं सहायता समूह की महिलाओं—रेनू शर्मा, शोभा मेहरा, हीरा पांडे, मधुलिका वर्मा, पुष्पा बजेठा और गीता देवी—एकता स्वयं सहायता समूह किच्छा से हेमा बीनवाल सीमा यादवकी भागीदारी उल्लेखनीय रही। इन महिलाओं ने अपने-अपने स्टॉल लगाकर न केवल स्वदेशी उत्पादों को प्रदर्शित किया, बल्कि इस बात का भी प्रमाण दिया कि आत्मनिर्भरता का मार्ग महिलाओं के नेतृत्व
स्वदेशी, समृद्धि और सेवा: रुद्रपुर का महिला हाट बाजार सामाजिक जागरण का उत्सव?उत्तराखंड के औद्योगिक नगर रुद्रपुर में इन दिनों एक अनूठा सामाजिक प्रयोग दिखाई दे रहा है। यह प्रयोग केवल उत्सव का नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, स्वदेशी चेतना, महिला सशक्तिकरण और समाज सुधार का संगम है। महिला साक्षरता समूह एवं नई शक्ति सेवा द्वारा आयोजित “महिला हाट बाजार” महज़ एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि यह उस नई ऊर्जा का प्रतीक है जो देवभूमि उत्तराखंड की मिट्टी से उठकर पूरे समाज को स्वदेशी अपनाने, नशा छोड़ने और स्वच्छता की राह पर चलने का आह्वान करती है।
इस आयोजन का विशेष महत्व इसलिए भी है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी—विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता—और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी—प्रदेश के लोकप्रिय जननायक—के जन्मदिन समारोह से जुड़ा हुआ है। सेवा पखवाड़े के अंतर्गत रुद्रपुर नगर निगम के सहयोग से आयोजित इस हाट बाजार में समाज के अलग-अलग तबकों का समावेश देखने को मिला।
स्वदेशी अपनाएं, समृद्धि बढ़ाएं: आत्मनिर्भरता की राह?महिला हाट बाजार का सबसे प्रमुख संदेश है “स्वदेशी अपनाएं, समृद्धि बढ़ाएं”। आज जब वैश्विक अर्थव्यवस्था उपभोक्तावाद और आयातित वस्तुओं पर टिकी है, तब यह संदेश न केवल सामयिक है, बल्कि राष्ट्रहित में भी है।
लगभग एक दर्जन महिलाओं ने अपने-अपने स्टॉल लगाकर स्वदेशी उत्पादों को प्रदर्शित किया। इनमें हस्तशिल्प से लेकर जैविक खाद्य सामग्री, घरेलू उपयोग की वस्तुएं और कपड़े शामिल रहे। ये उत्पाद यह साबित करते हैं कि यदि स्थानीय स्तर पर बने सामानों को प्रोत्साहन दिया जाए तो ग्रामीण और शहरी दोनों अर्थव्यवस्थाओं में नई जान फूंकी जा सकती है।
✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी
महिलाओं के परिश्रम से तैयार ये उत्पाद केवल आर्थिक दृष्टि से ही महत्त्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि यह आत्मगौरव और स्वाभिमान की मिसाल भी हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि “वोकल फॉर लोकल” का जो मंत्र प्रधानमंत्री मोदी ने दिया था, उसका सजीव उदाहरण इस महिला हाट बाजार में दिखाई दिया।
नशा मुक्ति अभियान: समाज सुधार का संकल्प?इस प्रदर्शनी का दूसरा बड़ा आकर्षण था “नशा मुक्ति अभियान”।
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में नशे की समस्या दिन-ब-दिन गहराती जा रही है। युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में फंसकर अपने भविष्य को अंधकारमय बना रहा है। ऐसे में महिलाओं का आगे आकर नशामुक्त समाज का संकल्प लेना एक प्रेरणादायक पहल है।
स्टॉलों के माध्यम से पोस्टर, स्लोगन और जन-जागरूकता सामग्री प्रदर्शित की गई। संदेश साफ था—“नशा छोड़ो, जीवन संवारो।” यह अभियान महिलाओं की आवाज़ को और बुलंद करता है क्योंकि वही समाज की पहली शिक्षिका और संस्कारों की वाहक होती हैं।
स्वच्छता ही सेवा: रंगोली से लेकर सफाई मित्र सुरक्षा तक?हाट बाजार में महिलाओं ने रंगोली सजाकर स्वच्छता का संदेश दिया। यह प्रतीकात्मक था—जैसे घर की चौखट रंगोली से संवरती है, वैसे ही समाज स्वच्छता से संवर सकता है।
नगर निगम रुद्रपुर की भागीदारी ने इस आयोजन को और प्रभावी बनाया। सफाई मित्रों की सुरक्षा से जुड़ा विशेष शिविर आयोजित हुआ, जिसमें सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान की गई। यह उस सामाजिक चेतना का हिस्सा है जो केवल “स्वच्छ भारत” तक सीमित नहीं है, बल्कि उन हाथों को सम्मान देने की भी पहल है जो हमारी गलियों और सड़कों को स्वच्छ रखते हैं।
स्वास्थ्य और सेवा: जनकल्याण का वास्तविक चेहरा?आयोजन में स्वास्थ्य कैंप भी लगाया गया, जिसमें महिलाओं और बच्चों की जांच की गई। पेयजल और स्वच्छता विभाग (जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार) ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। यह प्रयास दर्शाता है कि सरकार और समाज जब मिलकर काम करते हैं तो सेवा का वास्तविक स्वरूप सामने आता है।
नेतृत्व और जनभागीदारी: सामूहिक शक्ति का प्रमाण?आयोजन की हर पोस्टर और सजावट में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मेयर विकास शर्मा की उपस्थिति रही, वहीं विधायक शिव अरोड़ा का भी योगदान उल्लेखनीय रहा। यह केवल राजनीतिक चेहरों का प्रचार नहीं था, बल्कि यह संदेश था कि नेतृत्व तभी सार्थक होता है जब वह समाज की जड़ों से जुड़कर महिलाओं, युवाओं और आम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करे।
इस पूरे उत्सव में प्रधानमंत्री मोदी की छवि “विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता” के रूप में और मुख्यमंत्री धामी की छवि “प्रदेश के लोकप्रिय नेता” के रूप में उभरकर सामने आई।
महिला शक्ति का उदय: बदलते समय की दस्तक?यह हाट बाजार महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण है। घर की चारदीवारी तक सीमित रहने वाली महिलाएं अब आर्थिक और सामाजिक बदलाव की धुरी बन रही हैं। उनकी रचनात्मकता और श्रम से न केवल उनके परिवार की आय बढ़ रही है, बल्कि वे समाज में नई चेतना भी जगा रही हैं।
महिला साक्षरता समूह और नई शक्ति सेवा जैसी संस्थाओं ने यह साबित कर दिया कि यदि अवसर और मंच मिले तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।
लाइव प्रसारण और आधुनिक दृष्टि?रुद्रपुर वाइंडिंग जोन में लगी प्रदर्शनी का लाइव प्रसारण किया गया। यह आयोजन को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का उदाहरण है। इससे न केवल स्थानीय लोग जुड़े, बल्कि दूर-दराज़ के लोग भी इस पहल को देख और सीख सके।
समापन विचार: सेवा, स्वदेशी और स्वाभिमान की त्रिवेणी?रुद्रपुर का यह महिला हाट बाजार केवल एक दो दिवसीय कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह सामाजिक जागरण का उत्सव है। इसमें सेवा, स्वदेशी और स्वाभिमान तीनों का अद्भुत संगम देखने को मिला।
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित यह कार्यक्रम जनकल्याण और जनभागीदारी का उदाहरण बन गया। यह आयोजन यह संदेश देता है कि यदि समाज की आधी आबादी आगे आए और नेतृत्व उसका समर्थन करे तो उत्तराखंड ही नहीं, पूरा भारत आत्मनिर्भरता और समृद्धि की दिशा में बड़ी छलांग लगा सकता है।

