श्रीनगर (गढ़वाल), 26 जून 2025
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौरास परिसर स्थित एक्टिविटी सेंटर में ‘अपनी धरोहर न्यास’ द्वारा आयोजित धरोहर संवाद-2025 का समापन ऐतिहासिक विमर्श, सांस्कृतिक प्रस्तुति और ठोस संकल्पों के साथ हुआ। यह द्विदिवसीय कार्यक्रम उत्तराखंड की सांस्कृतिक अस्मिता, साहित्यिक धरोहर, लोक वाद्य परंपरा, महिला सशक्तिकरण, और पर्यावरणीय दृष्टिकोणों पर केंद्रित रहा।


उद्घाटन सत्र:
कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तराखंड सरकार के उच्च शिक्षा, सहकारिता और कृषि मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने किया। उन्होंने कहा कि “सामूहिक प्रयासों से हमारी समृद्ध परंपराएं लोकल से ग्लोबल तक पहुंच सकती हैं।” इस अवसर पर ‘अपनी धरोहर स्मारिका’ का लोकार्पण हुआ, जिसका संपादन प्रो. सूर्य प्रकाश सेमवाल ने किया है। मंच पर टीएचडीसी के कार्यकारी निदेशक इंजीनियर एल.पी. जोशी, यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, साहित्यकार डॉ. नीलांबर पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार चंद्र मोहन पपनै, और अपनी धरोहर न्यास के अध्यक्ष विजय भट्ट सहित कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
गहन विमर्श और विविध सत्र:
कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में संस्कृति, इतिहास, पर्यावरण, शिक्षा और कला से जुड़े विशेषज्ञों ने गहन संवाद किया। प्रो. दाताराम पुरोहित के मार्गदर्शन में ढोल दमाऊं जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर कार्यशाला आयोजित की गई। बागेश्वर व टिहरी से आए प्रसिद्ध वादकों ने जीवंत प्रस्तुतियां दीं, जिनमें 6 वर्षीय बाल वादक हितेश राम की प्रस्तुति विशेष आकर्षण रही।
नारी सशक्तिकरण की शक्ति संवाद श्रृंखला:
हिंदी विभाग की प्रमुख प्रो. गुड्डी बिष्ट के संयोजन में आयोजित शक्ति संवाद में श्रीनगर की महापौर श्रीमती आरती भंडारी, नोएडा से संस्कृत विदुषी डॉ. पुष्पा जोशी, लोकगायिका राखी रावत और समाजसेवी सुनीता जोशी ने अपने प्रेरणादायक विचार साझा किए।
सांस्कृतिक चिंतन और इतिहास पर सत्र:
धाद पत्रिका के संपादक गणेश गुखसाल गणी के संयोजन में वरिष्ठ लेखक और इतिहासकारों – डॉ. नीलांबर पांडेय, डॉ. नंदकिशोर हटवाल, पत्रकार चंद्र मोहन पपनै, और माणा क्षेत्र के समाजसेवी कुंदन सिंह टकोला ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक धरोहर और वर्तमान संदर्भों पर चर्चा की।
दूसरे दिन का विशेष आयोजन:
अदिति वेडिंग प्वाइंट में आयोजित दूसरे दिन के समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह श्री दिनेश सेमवाल रहे। उन्होंने कहा कि “हमारी विरासत हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखने का संदेश देती है, और इसके संरक्षण हेतु हर संभव प्रयास होने चाहिए।” इसी अवसर पर उन्होंने ई-धरोहर डिजिटल वेब पोर्टल का शुभारंभ किया।
पुस्तक कुंभ और साहित्यिक प्रदर्शनियां:
कार्यक्रम में पुस्तक कुंभ का भी आयोजन हुआ, जिसमें उत्तराखंड के शीर्ष लेखकों की पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसके साथ ही टनकपुर पुस्तक मेला समिति से जुड़े नवल किशोर तिवारी, अनिल चौधरी, प्रांजलि लोहनी और रमेश कश्यप को सम्मानित किया गया।
विशेष सम्मान और योगदान:
संस्था के प्रचार प्रमुख दिनेश बम, प्रदेश मंत्री गिरीश पैन्यूली ‘बन्नू भाई’ और संजय मठपाल को संस्था के अभियानों में विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया। वहीं, विजय भट्ट ने संस्था की उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत करते हुए गोल्ज्यू यात्रा, दिल्ली प्रवासी संवाद और हरेला पर्व में जनभागीदारी को रेखांकित किया।
संकल्प और भविष्य की दिशा:
धरोहर संवाद के अंत में संयोजक प्रो. सूर्य प्रकाश सेमवाल ने घोषणा की कि इस संवाद से निकले 11 सूत्रीय संकल्प बिंदु उत्तराखंड सरकार को सौंपे जाएंगे और इनमें से अधिकांश बिंदुओं को लागू करने का विश्वास सरकार ने जताया है। उन्होंने कहा, “श्रीनगर की तपोभूमि से निकला यह अभियान देशभर में संस्कृति जागरण की अलख जगाएगा।”
उपसंहार:
धरोहर संवाद-2025 ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि आधुनिकता के दौर में भी लोक संस्कृति, परंपरा और ज्ञान-विज्ञान की धरोहर को सहेजना हमारी जिम्मेदारी है। यह आयोजन न केवल विमर्श का केंद्र बना, बल्कि युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने का सेतु भी सिद्ध हुआ।
रिपोर्ट: अवतार सिंह बिष्ट
स्थान: श्रीनगर, गढ़वाल
प्रकाशन: शैल ग्लोबल टाइम्स / हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स

