भाजपा शासन में ईमानदार अधिकारियों की जरूरत नहीं: धीरेंद्र प्रताप आईपीएस रचिता जुयाल के इस्तीफे पर जताया गहरा दुख

Spread the love

विशेषसंवाददाता,देहरादूनउत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, पूर्व मंत्री एवं राज्य आंदोलनकारी धीरेंद्र प्रताप ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल द्वारा पुलिस सेवा से इस्तीफा दिए जाने की खबर पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों के लिए अब कोई जगह नहीं बची है।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

धीरेंद्र प्रताप ने कहा, “रचिता जुयाल जैसी ईमानदार और निर्भीक अधिकारी को इसलिए इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि उन्होंने एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ा। परंतु सरकार ने ऐसे अफसरों को प्रोत्साहित करने के बजाय उनकी टीम के सदस्यों के तबादले कर दिए और उन्हें हतोत्साहित किया गया।”

उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मामले में हस्तक्षेप कर स्थिति की गंभीरता को समझने और एक योग्य महिला अधिकारी के सम्मान की रक्षा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह ईमानदार अधिकारियों को दंडित किया जाएगा, तो इससे न केवल पुलिस व्यवस्था का मनोबल गिरेगा, बल्कि जनता का भी सिस्टम से विश्वास उठ जाएगा।

धीरेंद्र प्रताप ने आगे कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को संरक्षण देने की बजाय दंड का पात्र बनाया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि, “क्या यह वही उत्तराखंड है जिसके लिए हमने राज्य आंदोलन किया था? जहाँ ईमानदार अधिकारियों को ही बाहर का रास्ता दिखाया जाए?”

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने रचिता जुयाल जैसे अधिकारियों की भावना को नहीं समझा, तो यह प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे के लिए घातक सिद्ध होगा। उन्होंने मांग की कि सरकार ऐसे अधिकारियों का मनोबल बढ़ाए जो ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं।

अंत में धीरेंद्र प्रताप ने यह भी कहा कि “जनता पहले ही भ्रष्टाचार से त्रस्त है, और अब यदि अच्छे अधिकारी भी सेवा छोड़ने को मजबूर हो जाएं, तो यह जनभावनाओं के साथ धोखा होगा।”



Spread the love