रामनगर में कांग्रेस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते पार्टी नेता


नैनीताल: रामनगर में कांग्रेस कार्यालय के कब्जे को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ओर प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा सहित कांग्रेस के कई विधायक पहुंचे। इस दौरान दिग्गज नेताओं ने रामनगर पुलिस और सरकार पर लगाए गंभीर आरोप लगाए।
संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
रामनगर में सोमवार की सुबह कांग्रेस कार्यालय पर कब्जे को लेकर बवाल हुआ था। मामले के बढने के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा, विधायक हल्द्वानी सुमित हृदेश, विधायक जसपुर आदेश चौहान सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेता रामनगर पहुंच गए।
आपको बता दें कि रानीखेत रोड पर स्थित कांग्रेस कार्यालय पर कब्जे को लेकर सोमवार को कार्यालय स्वामी नीरज अग्रवाल एवं कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत के बीच फिर से विवाद गहरा गया
कांग्रेस के विधायकों एवं कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय पर हुए कब्जे को लेकर पुलिस एवं सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन सरकार के सारे पर इस प्रकार के कब्जे करा कर प्रदेश में अराजकता का माहौल पैदा करना चाहते हैं।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इसके लिए सीधे तौर पर पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पार्टी का कार्यालय होने के बावजूद भी पुलिस की मौजूदगी में पार्टी का ताला तोड़कर कब्जा करना कहीं ना कहीं सरकार की मानसिकता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि पुलिस ने किसकी शह पर ताला तोड़ा और कार्यालय के अंदर जो उत्तर प्रदेश के अपराधी किस्म के व्यक्तियों ने कब्जा किया है वह कौन लोग हैं। पुलिस उनका सत्यापन क्यों नहीं कर रही है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने साफ तौर पर कहा कि सीज फायर को लेकर आज लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाली देकर इंदिरा गांधी अमर रहे के नारे लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इस प्रकार का कृत्य कर प्रदेश का माहौल खराब करना चाहती है।
देश व प्रदेश में इस प्रकार का माहौल पैदा हुआ है तो भाजपा ने हमेशा ध्यान भटकाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यालय में जिस प्रकार से पुलिस ने कब्जा कराया वह स्थानीय प्रशासन अधिकारियों की पोल खोलता है।
उन्होंने चेताया कि यदि कोई भी स्थिति खराब होती है तो उसके लिए जिले के जिम्मेदार अधिकारी के साथ ही रामनगर कोतवाल इसके लिए जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक कार्यालय हमें नहीं मिलता है तब तक वह डटे रहेंगे।
कार्यालय के बाहर पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। सूचना पर कांग्रेस के बड़े नेता, विधायक भी शाम तक रामनगर पहुंच गए। धरने में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन सिंह माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी पहुंच गये। दोनों ने कार्यालय को कांग्रेस कार्यालय बताया और इस तरह से कब्जा करने की कार्रवाई को असंवैधानिक बताया।
पूर्व विधायक रणजीत रावत ने दावा किया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कहा कि कार्यालय के अंदर कुछ लोग बंद है। घटना के वक्त अंदर कोई भी उनका व्यक्ति मौजूद नहीं था। इसके बावजूद पुलिस ने ताला तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि व्यापारी और पूर्व विधायक के बीच कार्यालय को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। जिसमें लेन देन का भी मामला बताया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि रामनगर में कांग्रेस पार्टी के कार्यालय पर अज्ञात लोगों द्वारा जबरन कब्ज़ा कर लिया गया। यह सिर्फ एक कार्यालय पर हमला नहीं है, बल्कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों, संघर्ष की विरासत और विचारधारा पर सीधा प्रहार है। कांग्रेस पार्टी, जो आज़ादी की लड़ाई से लेकर हर जनआंदोलन की अग्रणी रही है, आज भी अन्याय और तानाशाही प्रवृत्तियों के खिलाफ सीना ताने खड़ी है। यह हमला हमें चुप नहीं करा सकता। यह हमें और मज़बूत बनाएगा, और अधिक संगठित बनाएगा।
कहा कि हमारा संघर्ष सिर्फ एक कार्यालय की चार दीवारों के लिए नहीं है, बल्कि उस विचारधारा के लिए है जो संविधान, समानता और सामाजिक न्याय को सर्वोपरि मानती है। रामनगर में हमारे साथी रात में भी डटे हुए हैं। धरना प्रदर्शन जारी है। हमारी आवाज़ को दबाने की हर कोशिश नाकाम होगी। कांग्रेस कार्यकर्ता शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त तरीके से इस अन्याय के खिलाफ संघर्षरत हैं। जनता की अदालत सबसे बड़ी अदालत होती है। हमें विश्वास है कि न्याय मिलेगा, सत्य की जीत होगी। संघर्ष का बिगुल बज चुका है। कांग्रेस का हर सिपाही अब न्याय के लिए मैदान में है।

