वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या मामले में उनकी पत्नी और IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं. अमनीत का कहना है कि उनके पति के 8 पन्नों के सुसाइड नोट और औपचारिक शिकायत के बावजूद अब तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई, क्योंकि इसमें हरियाणा पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के नाम शामिल हैं.

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पत्र में अमनीत ने लिखा, मेरे पति के सुसाइड नोट में जिन वरिष्ठ अधिकारियों के नाम हैं, उन्हें अब तक किसी जांच का सामना नहीं करना पड़ा. शक्तिशाली अफसर जांच को प्रभावित कर रहे हैं, इसलिए पुलिस कोई कदम नहीं उठा रही. सशक्त अफसरों के कारण कार्रवाई नहीं हो रही.

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

उन्होंने यह भी दावा किया कि आरोपी अधिकारी अब उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने या फंसाने की कोशिश कर सकते हैं.

पति से 15 बार बात करने की कोशिश, फिर मिला शव

अमनीत, घटना के वक्त जापान में सरकारी दौरे पर थीं. उन्होंने बताया कि उन्हें पति का सुसाइड नोट और वसीयत मिलने के बाद उन्होंने लगातार 15 बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी को घर भेजा, जहां वाई पूरण कुमार बेसमेंट में रिक्लाइनर चेयर पर मृत मिले.

‘आत्महत्या के लिए जिम्मेदार अफसरों पर तुरंत FIR हो’

अपने पत्र में अमनीत ने मुख्यमंत्री से आत्महत्या के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने और उन्हें निलंबित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ऐसा न करने पर आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ या जांच को प्रभावित कर सकते हैं. साथ ही, उन्होंने अपनी और परिवार की सुरक्षा की मांग की, यह कहते हुए कि उन्हें धमकियों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है.

‘मेरे पति के साथ जातिगत भेदभाव हुआ’

इससे पहले अमनीत ने चंडीगढ़ पुलिस के SHO को भी एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने हरियाणा के DGP शत्रुजीत सिंह कपूर समेत कई अधिकारियों पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उनके पति को जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा था, ‘मेरे पति का दर्द छिपा नहीं था. उन्होंने कई शिकायतें दी थीं, और उन्होंने अपने सुसाइड नोट में इनका ज़िक्र भी किया है.’

अमनीत ने यह भी दावा किया कि उनके पति को 2023 में ही अंदेशा था कि उन्हें झूठे केस में फंसाया जाएगा, और यह साजिश DGP कपूर के निर्देश पर रची गई थी.

जांच पर सस्पेंस बरकरार

फिलहाल पुलिस की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन अमनीत के पत्र ने सवाल खड़े कर दिए हैं. अब निगाहें इस बात पर हैं कि मुख्यमंत्री और पुलिस विभाग इस सनसनीखेज मामले में क्या कदम उठाते हैं.


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