उधम सिंह नगर में भी अवैध धार्मिक निर्माणों पर सख्ती संभव: रुद्रपुर समेत पूरे जिले में विभागीय परिसंपत्तियों का सर्वे जरूरी रिपोर्ट: अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

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देहरादून जिला प्रशासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में अवैध धार्मिक निर्माणों के खिलाफ शुरू की गई सख्ती का असर अब पूरे उत्तराखंड में देखने को मिल सकता है। खासतौर पर उधम सिंह नगर में भी ऐसी कार्रवाई की ज़रूरत और संभावना जताई जा रही है। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक के बाद यह साफ हो गया कि सरकारी संपत्तियों पर बने अवैध धार्मिक निर्माणों के खिलाफ अब जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।

देहरादून की तर्ज पर रुद्रपुर में भी हो कार्रवाई

देहरादून में नगर निगम, नगर पालिका, एमडीडीए, तहसील और अन्य विभागों को तीन दिन के भीतर अपनी परिसंपत्तियों का सर्वे कर अवैध धार्मिक निर्माणों की सूची जिला प्रशासन को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह की पहल रुद्रपुर समेत उधम सिंह नगर में भी अत्यंत आवश्यक है, जहां कई स्थानों पर विभागीय जमीन पर धार्मिक स्थलों की आड़ में अतिक्रमण की शिकायतें मिलती रही हैं।

अवैध धार्मिक निर्माण: आस्था बनाम अतिक्रमण

सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि सार्वजनिक स्थानों और सरकारी परिसंपत्तियों पर अवैध धार्मिक निर्माणों को हटाया जाए। आस्था के नाम पर कानून की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं होगी। उधम सिंह नगर में भी अनेकों स्थानों पर नहर पटरी, सड़क किनारे, वन भूमि और निगम की खाली जमीनों पर मंदिर, मजार या चबूतरे बनते देखे गए हैं जिनका न तो कोई विधिक आधार है, न ही विभागों की अनुमति।

सिंचाई और वन विभाग ने हटाए निर्माण

देहरादून में सिंचाई विभाग ने पहले ही अपनी परिसंपत्तियों पर पाए गए सात में से पांच अवैध धार्मिक निर्माण हटा दिए हैं। शेष दो के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। वहीं, वन विभाग ने आरक्षित वन क्षेत्र से तीन निर्माण हटाने की जानकारी दी है। यह अनुकरणीय उदाहरण है, जिसे उधम सिंह नगर में भी दोहराया जा सकता है।

डीएम का सख्त रुख

जिलाधिकारी सविन बंसल ने निर्देश दिए कि यदि सर्वेक्षण के बाद किसी विभाग की संपत्ति पर अवैध धार्मिक निर्माण मिला तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि तीन दिन के भीतर सभी विभाग अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें और यदि कोई निर्माण नहीं है, तो भी लिखित में इसकी पुष्टि दी जाए।

उधम सिंह नगर में क्या है स्थिति?

रुद्रपुर, किच्छा, बाजपुर, गदरपुर, सितारगंज और दिनेशपुर जैसे क्षेत्रों में भी ऐसी ही परिस्थिति देखने को मिलती है। राजकीय अस्पतालों, स्कूल परिसरों, नहरों और सड़कों के किनारे छोटे-बड़े धार्मिक चबूतरे या मूर्तियां देखी जा सकती हैं। इनकी आड़ में कुछ लोगों ने भूमि पर स्थायी कब्जा तक कर लिया है।

भविष्य की रणनीति: शासन को भेजा जाए प्रस्ताव

यदि देहरादून प्रशासन की यह पहल सफल होती है, तो उधम सिंह नगर के डीएम को भी इसी तर्ज पर एक आदेश जारी करना चाहिए, जिसमें सभी विभागों को सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा जाए। इसके अतिरिक्त नगर निगम रुद्रपुर, जल संस्थान, लोनिवि, वन विभाग, सिंचाई विभाग और शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए जाने चाहिए कि वह अपनी परिसंपत्तियों की स्थिति स्पष्ट करें।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना किसी भी जिले के लिए गंभीर परिणाम ला सकती है। ऐसे में समय रहते उधम सिंह नगर प्रशासन को भी सतर्क होकर विभागीय सर्वेक्षण की कार्यवाही शुरू करनी चाहिए। धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए कानून और सार्वजनिक व्यवस्था को सर्वोपरि रखा जाए — यही संतुलित और जिम्मेदार प्रशासन का संकेत होगा।


अवतार सिंह बिष्ट
संवाददाता, शैल ग्लोबल टाइम्स / हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर


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