
उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि वाशिंगटन डीसी से आई अभूतपूर्व घोषणाओं के संदर्भ में अब यह राष्ट्रीय आवश्यकता बन गई है कि प्रधानमंत्री एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करें और देश के राजनीतिक दलों को विश्वास में लें, ताकि इस संकट की घड़ी में राष्ट्रीय हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। संसद का एक विशेष सत्र तत्काल बुलाया जाए, जिसमें पिछले अठारह दिनों की घटनाओं विशेषकर पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले से लेकर अब तक की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की जाए और आगे की दिशा तय की जाए, ताकि देश एकजुट होकर सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन कर सके।’


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने की पुष्टि
India Pak Ceasefire: सीजफायर की पुष्टि करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि आज दोपहर 3,35 बजे दोनों देशों के DGMO के बीच बातचीत हुई थी। इसमें फैसला लिया गया था कि आज शाम 5 बजे से दोनों देश आकाश, जल, और थल पर तत्काल हमले रोक देंगे। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच सीजफायर हो गया है। मिसरी ने कहा कि 12 मई को दोनों देशों के अधिकारी आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कही ये बात
वहीं, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि भारत और पाकिस्तान ने तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए प्रयास किए हैं, अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना। भारत और पाकिस्तान के बीच अचानक घोषित हुए संघर्षविराम के पीछे बड़ी कूटनीतिक वजह है, विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस। जयशंकर बीते कई दिनों से अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ लगातार बातचीत में शामिल थे।
क्या होता है सीजफायर
दरअसल, युद्धविराम यानी सीजफायर एक सैन्य समझौता है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य युद्ध के पूरे क्षेत्र में शत्रुता को खत्म करना है और निश्चित समय के लिए शांति बहाली है। युद्धविराम या सीज फायर दो देशों के बीच अस्थायी रूप से शांति बहाल करने जैसा होता है, जो लंबे समय तक चलने पर शांति स्थापित करने में मदद करता है। सीज फायर की घोषणा से शांति कायम करने और संघर्षरत दो देशों के बीच बातचीत का भी माहौल तैयार होता है। कई बार ये दुश्मन देशों के बीच बातचीत और समझौते को लेकर माहौल तैयार करने के लिए भी दोनों देशों की सहमति से लागू किया जाता है। या फिर किसी तीसरे देश या राज्य के हस्तक्षेप से भी संघर्ष विराम की घोषणा की जा सकती है, ताकि स्थायी रूप से शांति बहाली के लिए बातचीत का महौल बन सके।

