
232 गीगावाट से अधिक स्थापित और 176 गीगावाट निर्माणाधीन नवीकरणीय क्षमता होने के साथ हम न केवल अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, बल्कि ऊर्जा में बदलाव से जुड़ी वैश्विक चर्चा को सक्रिय रूप से आकार दे रहे हैं। यह प्रगति संयोग नहीं है, बल्कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार किए गए साहसिक सुधारों, समयबद्ध फैसलों और स्पष्ट दीर्घकालिक दृष्टिकोण का परिणाम है।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
प्रधानमंत्री मोदी के पास एक मजबूत नवीकरणीय ऊर्जा इकोसिस्टम बनाने का स्पष्ट दृष्टिकोण था। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा को वैश्विक प्राथमिकता बनने से बहुत पहले बड़े पैमाने पर सौर परियोजनाओं का बीड़ा उठाया था। 2014 में प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद, उन्होंने उस विजन को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया। उसी का नतीजा है कि आज भारत सौर, पवन और स्वच्छ ऊर्जा से जुड़े नवाचार में एक वैश्विक नेता के रूप में खड़ा है। पिछले वर्ष ही, हमने राष्ट्रीय ग्रिड में रिकॉर्ड 29 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा जोड़ी। सौर ऊर्जा क्षमता 2014 के सिर्फ 2.63 गीगावाट से बढ़कर 2025 में 108 गीगावाट से अधिक हो गई है, जो 41 गुना की आश्चर्यजनक वृद्धि है। पवन ऊर्जा क्षमता भी 51 गीगावाट को पार कर गई है।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तनकारी सुधार
- फीड-इन टैरिफ से पारदर्शी, बाजार-संचालित बोली प्रक्रिया में बदलाव ने एक महत्वपूर्ण क्षण को चिह्नित किया। प्रतिस्पर्धी बोली और टैरिफ युक्तिकरण के कारण सौर टैरिफ 2010 में 10.95 रुपये प्रति यूनिट से गिरकर 2021 तक आश्चर्यजनक रूप से 1.99 रुपये प्रति यूनिट रह गया।
- अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) शुल्कों की छूट एक और प्रमुख कदम रहा है। इन शुल्कों को हटाकर सरकार ने परियोजना डेवलपर्स के लिए प्रमुख बाधाओं में से एक को समाप्त कर दिया।
- आयात पर निर्भरता कम करने और रोजगार सृजन के लिए सरकार ने 24,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन के साथ सौर विनिर्माण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की।
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने मॉडल और विनिर्माताओं की स्वीकृत सूची (एएलएमएम), घटकों और विनिर्माताओं की स्वीकृत सूची (एएलसीएम) के साथ-साथ घरेलू सामग्री आवश्यकताओं (डीसीआर) को लागू किया, जिससे गुणवत्ता आश्वासन, आपूर्ति श्रृंखला की संपूर्णता सुनिश्चित हुई और आयातित सौर घटकों पर निर्भरता कम हुई।
- प्रधानमंत्री के विजन के तहत, पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना एक परिवर्तनकारी पहल बन गई है, जिसका लक्ष्य 30 गीगावॉट की विकेंद्रीकृत क्षमता तैयार करने के लिए एक करोड़ घरों में छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करना है।
- पीएम-कुसुम योजना किसानों को विकेंद्रीकृत सौर प्रणाली लगाने में सक्षम बनाकर कृषि को सौर ऊर्जा से लैस कर रही है।
- इस यात्रा में एक अन्य प्रमुख उत्प्रेरक लगभग 20,000 करोड़ रुपये के निवेश समर्थन वाला राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन है, जिसका उद्देश्य भारत को स्वच्छ ईंधन के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है।
कभी गहरे बिजली संकट से जूझ रहा था देश
वर्ष 2014 में भारत का बिजली क्षेत्र गहरे संकट से जूझ रहा था। 2012 में डबल ग्रिड फेलियर हुआ, जिसने सबसे पहले उत्तरी क्षेत्र को 36,000 मेगावाट लोड की हानि के साथ प्रभावित किया और बाद में उत्तरी, पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी ग्रिडों के ध्वस्त होने का कारण बना, जिससे 48,000 मेगावाट का असर पड़ा। ये घटनाएं आज भी हमारी यादों में ताजा हैं। पारेषण इंफ्रास्ट्रक्चर पर अत्यधिक बोझ था और निवेशकों का भरोसा कम था। नवीकरणीय ऊर्जा को महंगा और अविश्वसनीय माना जाता था। वैश्विक समुदाय ने भारत को एक गंभीर स्वच्छ ऊर्जा खिलाड़ी के रूप में नहीं देखा। नीतिगत अनिर्णायकता की स्थिति के चलते भी भारत को ‘नाजुक पांच’ अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में गिना जाता था। वह परिदृश्य निर्णायक रूप से बदल गया है। भारत ऊर्जा की कमी से ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ गया है।
आगे की राह
प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन बिजली क्षमता का लक्ष्य रखा है। अब तक, हम 228 गीगावाट के आंकड़े को छू चुके हैं। 176 गीगावाट निर्माणाधीन है। और 72 गीगावाट बोली के चरण में है। हम न केवल सही रास्ते पर हैं, बल्कि हम उम्मीद से बेहतर हैं। इससे न केवल हम अपनी बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे, बल्कि हमारी बिजली की मांग को भी समर्थन मिलेगा, जो 2032 तक दोगुनी होने की उम्मीद है। साथ ही, हम 2047 तक 1,800 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता हासिल करने के अपने दीर्घकालिक लक्ष्य की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। नए भारत का सूरज चमक रहा है और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।
