भारत एक दर्जन से अधिक देशों के साथ द्विपक्षीय निवेश संधियों (BIT) पर सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है। इन देशों में सऊदी अरब, कतर, इजरायल, ओमान, यूरोपीय संघ, स्विट्जरलैंड, रूस और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।

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इसके अलावा ताजिकिस्तान, कंबोडिया, उरुग्वे, मालदीव और कुवैत के साथ भी बातचीत चल रही है।

बीआईटी से एक-दूसरे के देशों में निवेश की सुरक्षा और संवर्धन में मदद करती हैं। भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनने के करीब है। इसलिए सरकार निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठा रही है। अधिकारी ने कहा, ”उम्मीद है कि अगले 3-6 महीनों में इनमें से कुछ देशों के साथ बीआईटी को अंतिम रूप दिया जाएगा और इसकी घोषणा की जाएगी।

भारत का मिशन..विदेशी निवेश को बढ़ावा

पिछले बजट में सरकार ने मौजूदा मॉडल द्विपक्षीय निवेश संधि को और अधिक निवेशक-अनुकूल बनाने और विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए इसमें सुधार करने की घोषणा की थी। देश ने 2024 में दो देशों के साथ बीआईटी पर हस्ताक्षर किए थे। पिछले साल, केंद्र ने यूएई और उज्बेकिस्तान के साथ इन संधियों को लागू करने की घोषणा की थी।

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने क्या कहा?

अधिकारी ने कहा, भारत निवेशकों के विश्वास और घरेलू नीतिगत स्थान को संतुलित करते हुए अपने आर्थिक हितों की रक्षा करने वाले समझौतों पर बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत ने विदेशी निवेशकों के लिए एक स्थिर निवेश सुरक्षा ढांचा प्रदान करने को सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय मानकों तथा उससे आगे बढ़कर प्रतिबद्धता जताई है। बीआईटी पर टिप्पणी करते हुए, डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि ये समझौते भारत को आपसी ताकत के आधार पर देश को एक अनूठा लाभ देंगे।


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