गाजा पट्टी एक बार फिर युद्ध की विभीषिका झेल रही है। इजरायल के खिलाफ वर्ष 2023 में शुरू हुई हमास की आतंकी कार्रवाई ने इस पूरे क्षेत्र को हिंसा, पीड़ा और वैश्विक राजनीति के कटघरे में खड़ा कर दिया है। लेकिन इस युद्ध का एक पक्ष ऐसा है जिसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया में अक्सर अनदेखा किया जाता है—इजरायल की अपनी सुरक्षा के लिए चल रही यह संघर्ष यात्रा।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह
युद्ध की शुरुआत: 7 अक्टूबर 2023 – एक काला दिन
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर एक अप्रत्याशित हमला किया। रॉकेट बमबारी के साथ-साथ सैकड़ों हमास आतंकवादी इजरायली सीमाओं को पार करके दक्षिणी शहरों में घुस आए। इस हमले में 1,200 से अधिक इजरायली नागरिक मारे गए और 250 से ज्यादा लोग बंधक बना लिए गए। इनमें महिलाएं, बच्चे, बुज़ुर्ग और विदेशी नागरिक भी शामिल थे।
इस क्रूर हमले के बाद इजरायल सरकार ने ऑपरेशन “आयरन स्वॉर्ड” की घोषणा की—एक स्पष्ट और निर्णायक जवाब, जिसका उद्देश्य हमास की सैन्य क्षमता को पूरी तरह समाप्त करना था।
हमास: आतंकवाद और बर्बरता का प्रतीक
हमास, जिसे अमेरिका, यूरोपीय संघ और भारत समेत कई देश आतंकी संगठन मानते हैं, गाजा पर 2007 से शासन कर रहा है। वह वर्षों से इजरायल के खिलाफ हिंसक कार्रवाइयों को अंजाम देता रहा है। लेकिन 2023 का हमला न केवल आतंक का नया चेहरा था, बल्कि यह इस संगठन के इरादों को भी बेनकाब करता है—इजरायल का पूर्ण विनाश।
गाजा की घनी बस्ती में हमास अपने रॉकेट लॉन्चर, हथियार डिपो और कमांड सेंटरों को अस्पतालों, स्कूलों और रिहायशी इलाकों में छिपाता है। यह रणनीति अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन है और नागरिकों को जानबूझकर ढाल की तरह इस्तेमाल करने का प्रमाण है।
इजरायल की रणनीति: सटीक, सीमित, लेकिन निर्णायक हमले
इजरायल ने आरंभ से ही अपनी सैन्य कार्रवाई को तीन प्रमुख लक्ष्यों के इर्द-गिर्द केंद्रित किया है:
- बंधकों की सुरक्षित वापसी
- हमास की सैन्य संरचना का विनाश
- गाजा से आतंकी खतरे का स्थायी समाधान
इजरायली डिफेंस फोर्सेज़ (IDF) ने आधुनिक तकनीक और सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर हजारों ऑपरेशन चलाए हैं। इन हमलों का लक्ष्य हमास के बंकर, हथियार गोदाम, सुरंग नेटवर्क (जिसे ‘गाजा मेट्रो’ कहा जाता है), और शीर्ष नेतृत्व रहे हैं।
नागरिक हताहत: युद्ध की अनकही त्रासदी
इस लड़ाई में सबसे ज्यादा पीड़ा उन नागरिकों को हो रही है, जो या तो हमास के इर्द-गिर्द रहने को मजबूर हैं या जिन्हें इस संगठन ने जानबूझकर युद्ध में घसीटा है। जब अस्पतालों और स्कूलों के नीचे सुरंगें बनाई जाती हैं, जब यूएन स्कूलों से रॉकेट दागे जाते हैं, तो इजरायल के पास कोई विकल्प नहीं रहता।
IDF ने हर हमले से पहले चेतावनी जारी करने, पर्चे गिराने और कॉल करने जैसी रणनीति अपनाई है ताकि नागरिक स्थान खाली कर सकें। लेकिन हमास इन्हें जानबूझकर रोकता है।
अंतरराष्ट्रीय दबाव और इजरायल की संयम नीति
हालांकि युद्ध में नागरिक मौतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं, लेकिन यह समझना आवश्यक है कि हर राष्ट्र को अपनी सीमाओं की सुरक्षा का अधिकार है। इजरायल ने संयम बरतते हुए भी यह स्पष्ट किया है कि वह आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा।
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्तावित सहायता वितरण प्रणाली को इजरायल ने इसलिए रोका क्योंकि इसके ज़रिये हथियार और सैन्य संसाधन भी हमास तक पहुंचने की आशंका थी। इजरायल ने कहा है कि जब तक बंधकों की रिहाई और हमास का समर्पण नहीं होगा, तब तक संघर्ष समाप्त नहीं होगा।
गाजा की स्थिति और पुनर्निर्माण की चुनौती
गाजा में हजारों लोगों की जान गई है, लाखों विस्थापित हुए हैं। लेकिन यह भी सच है कि जब तक हमास की सत्ता बनी रहेगी, तब तक गाजा का पुनर्निर्माण और स्थायित्व असंभव है। इजरायल अब गाजा में एक स्थायी परिवर्तन की ओर देख रहा है—हमास मुक्त गाजा, जिसमें नागरिक स्वतंत्रता के साथ जी सकें।
इजरायल की दृष्टि: मध्य-पूर्व में स्थायित्व और शांति
इजरायल को चारों ओर से सुरक्षा खतरे हैं—लेबनान में हिज़्बुल्लाह, सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया, और पश्चिमी तट पर बढ़ता कट्टरपंथ। गाजा पर नियंत्रण का लक्ष्य इजरायल के लिए अस्तित्व की लड़ाई है, महज राजनीतिक नहीं।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बार-बार कहा है कि “यह लड़ाई आतंक के खिलाफ है, किसी धर्म, जाति या संस्कृति के खिलाफ नहीं।” यही कारण है कि इजरायल के अस्पतालों में घायल फिलिस्तीनी बच्चे भी इलाज पाते हैं, और युद्ध के बीच भी इजरायली समाज में मानवीय मूल्यों को बनाए रखा गया है।आतंक के विरुद्ध निर्णायक मोड़
यह युद्ध केवल इजरायल और हमास के बीच का संघर्ष नहीं है, बल्कि यह सभ्यता और बर्बरता के बीच की लड़ाई है। जब एक पक्ष अस्पताल को हथियारों का गोदाम बनाए और दूसरा उसे खाली कराने की चेतावनी दे—तो हमें निर्णय करना होगा कि सही कौन है।

