
हालांकि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने भी कूटनीतिक समर्थन पाने के लिए खूब हाथ पैर मारे लेकिन भारत की वैश्विक ताकत के आगे उसकी कोशिशें धरी की धरी रह गई.


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
एक दौर था जब पाकिस्तान इस तरह के विक्टिम कार्ड खेलकर दुनिया के देशों को गुमराह करता था मगर अब वक्त बदल चुका है. हालात बदल चुके हैं. पाकिस्तान के लिए दुनिया के जज्बात भी बदल चुके हैं. ये जज्बात बदले भारत की उस दहाड़ से जो उसने पहलगाम हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर मारी. भारत ऊंचे स्वर में पूरी दुनिया को बताया कि पाकिस्तान, आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला एक मुल्क है और इस तरह की आतंकवादी घटनाओं का जवाब देने और अपनी आत्मरक्षा का भारत को पूरा अधिकार है.
पाकिस्तान का हर पैंतरा नाकाम
बस फिर क्या था. पाकिस्तान ने खुद को बचाने के लिए सारे घोड़े खोले दिए लेकिन उसका हर पैंतरा नाकाम साबित हुआ. ऐसा इसलिए क्योंकि पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर हमला पाकिस्तान का सबसे बड़ा अपराध है. ऐसा अपराध, जिसे क्षमा नहीं किया जा सकता है सिर्फ दंड दिया जा सकता है और पाकिस्तान भी जानता है कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक हो या 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब किसी आतंकी घटना की सिर्फ निंदा नहीं करता बल्कि प्रतिशोध भी लेता है और इस बार का प्रतिशोध निर्णायक होगा.
पीएम मोदी के इसी प्रतिशोध के संकल्प से पाकिस्तान भयभीत है. वो जानता है कि पूरी दुनिया में पीएम मोदी की डिप्लोमेसी का डंका बज रहा है. अमेरिका हो या फ्रांस, जापान हो या ऑस्ट्रेलिया.. हर कोई पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ भारत के सुर से सुर मिला रहा है और पाकिस्तान एक कोने में सहमा हुआ अलग-थलग पड़ा है. पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ अब तक अमेरिका, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन, इजराइल, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े देश भारत का समर्थन कर चुके हैं.
मुस्लिम वर्ल्ड का भी भारत को समर्थन
इस लिस्ट में यूरोप समेत दुनिया के तमाम ऐसे देश भी शामिल हैं, जो ग्लोबल ऑर्डर में अच्छा खासा रुतबा रखते हैं. ये नाम जब पाकिस्तान के हुक्मरानों के कान तक पहुंचे होंगे तो उन्हें काफी तकलीफ हुई होगी. पाकिस्तान ने खुद को काफी अपमानित महसूस किया होगा. लेकिन अभी तो उसे और जलील होना था. लिहाजा जिन मुस्लिम देशों को वो अपना हमदर्द समझता था, उन्होंने भी भारत का साथ देकर उसे बड़ा दर्द दे दिया.
मुस्लिम वर्ल्ड का भारत को समर्थन, पाकिस्तान के लिए सख्त संदेश है. संदेश ये कि अगर अब भी नहीं संभले तो आगे की राह बहुत मुश्किल हो जाएगी. भारत को समर्थन देने वाले मुस्लिम देशों में ईरान, UAE, सऊदी अरब, मिस्र, इराक, जॉर्डन, कुवैत, कतर, इंडोनेशिया और अफगानिस्तान शामिल हैं.
वैश्विक मंचों पर अलग-थलग पड़ा पाक
लिस्ट बहुत लंबी है और उसका असर भी उतना ही गहरा है. आपको सरल शब्दों में बताते हैं कि यूरोप और इस्लामिक देशों के भारत को समर्थन का पाकिस्तान पर कैसा असर पड़ सकता है. इस समर्थन के बाद UN, FATF और G20 जैसे वैश्विक मंचों पर भारत का कूटनीतिक दबदबा बढ़ सकता है. वहीं पाकिस्तान इन मंचों से पूरी तरह अलग-थलग हो सकता है. और उस पर FATF की ग्रे लिस्ट में जाने का खतरा भी मंडराने लगा है.
भारत को OIC में भी मुसलमान देशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, जिससे उसका सॉफ्ट पावर मुस्लिम वर्ल्ड में और मजबूत हुआ है. जबकि अपने भाई चारे वाले इस मंच से भी पाकिस्तान दरकिनार होता नजर आ रहा है. भारत को मुस्लिम वर्ल्ड का फुल सपोर्ट मिलने से पाकिस्तान को इन देशों से मिलने वाली फंडिंग पर और हज कोटे पर भी असर पड़ सकता है.
आतंकियों के खिलाफ पूरा विश्व भारत के साथ
पाकिस्तान की गोदी में बैठे आतंकियों के खिलाफ पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है. सिर्फ कुछ गिने चुने और वैचारिक रूप से कट्टर मुल्क ही पाकिस्तान के पीछे खड़े नजर आ रहे हैं. इनमें तुर्की, चीन और अजरबैजान का नाम है. हालांकि ये मुल्क ना तो पाकिस्तान को किसी तरह की सैन्य मदद देंगे और ना ही फंडिंग करेंगे. चीन की मंशा जगजाहिर है, तुर्की सिर्फ जुबानी शेर है और अजरबैजान. ज्यादातर लोग तो इस मुल्क का नाम तक नहीं जानते.
कराची पोर्ट पहुंचा तुर्किए का वॉरशिप
हालांकि, समर्थन के एलान के बाद तुर्की ने अपना एक जंगी जहाज कराची भेज दिया है और वो कराची पोर्ट पहुंच चुका है. खबर है कि तुर्की का ये जहाज पाकिस्तान की नेवी के साथ युद्धाभ्यास करेगा लेकिन भारत से जंग की सूरत में तुर्की पाकिस्तान का कितना साथ देगा ये कहा नहीं जा सकता. कुल मिलाकर कूटनीति के मैदान में पाकिस्तान बुरी तरह पस्त हो चुका है. अगर वो भारत की बढ़ती ग्लोबल पावर का अंदाजा वक्त रहते लगा लेता तो शायद पहलगाम जैसा अजीम गुनाह ना करता. पाकिस्तान शायद ये भूल गया कि पिछले 10 वर्षों में कूटनीतिक मंच पर भारत कितना मजबूत हुआ है.
कूटनीतिक जंग में भारत मार चुका है बाजी
2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पहले शपथ ग्रहण के दौरान सार्क के राष्ट्राध्यक्षों को न्योता भेजकर बड़ा कूटनीतिक दांव चला था. 2019 में जब जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया तो भारत को वैश्विक समर्थन मिला, ये भी भारत की कूटनीतिक जीत थी. 2023 में भारत ने G20 से पाकिस्तान को किनारे किया और 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ पूरा ग्लोबल समर्थन भारत के साथ है. यही वजह है कि पाकिस्तान अब छटपटा रहा है. उसे समझ नहीं आ रहा कि करे तो करे क्या और बोले तो क्या बोले.
कूटनीतिक जंग में भारत बाजी मार चुका है. अब बारी है उस युद्ध की जो दुनिया के नक्शे से या तो पाकिस्तान को मिटा देगा या पाकिस्तान की जमीन से आतंकवाद को. प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति ने विश्व मंच पर पाकिस्तान को बुरी तरह एक्सपोज कर दिया. अब इंतजार भारत की सामरिक नीति का है. भारत जवाब देना जानता है और देगा भी जरूर लेकिन अपने अंदाज में.
