अक्सर कहा जाता है कि हम घोर कलियुग में जी रहे हैं. एक ऐसा युग जहां पैसा रिश्तों से ऊपर और नैतिकता स्वार्थ के नीचे चली गई है. लोग सवाल करते हैं, “यह पाप से भरा समय आखिर कब समाप्त होगा?” विष्णु पुराण में इस प्रश्न का उत्तर है-कलियुग के अंत में आने वाली वह भयानक रात, जो पूरी मानवता को झकझोर देगी.

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ऐसे में विष्णु पुराण की ये भविष्यवाणी हर किसी को हैरत में डाल सकती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि कलयुग की आखिरी रात कैसी है और इस बारे में विष्णु पुराण में क्या कुछ कहा गया है.

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

जब पाप अपनी चरम सीमा पर होगा

कलियुग के अंतिम चरण में समाज पूरी तरह से धन-लोलुपता और स्वार्थ में डूब जाएगा. रिश्ते, दोस्ती और सद्गुणों की कोई कीमत नहीं होगी. अमीर चाहे भ्रष्ट हो, उसे सम्मान मिलेगा; जबकि गरीब और गुणी लोग उपेक्षित रहेंगे. नैतिकता और धर्म का लोप हो जाएगा, और पाप सर्वोच्च स्थिति में पहुंच जाएंगे.

अपराध और समाज में अराजकता

छोटी-छोटी बातों पर हत्या, लूट और दुष्कर्म आम हो जाएंगे. कानून और व्यवस्था विफल हो जाएगी और अपराधी खुलकर घूमेंगे. लोग रात में घर से बाहर निकलने से डरेंगे, क्योंकि हर तरफ डर और अराजकता का माहौल होगा. यह अंधकारमयी रात समाज के नैतिक पतन की पराकाष्ठा होगी.

मानव का पतन और प्रकृति का प्रकोप

मनुष्य की औसत उम्र घटकर 12 से 20 वर्ष रह जाएगी. शरीर दुर्बल और लंबाई मात्र 4 इंच रह जाएगी. लोग हमेशा बीमार और अशक्त रहेंगे. प्रकृति भी रुष्ट होगी- सूर्य की तीव्र गर्मी से धरती झुलसेगी, नदियां सूख जाएंगी. कहीं सूखा तो कहीं बाढ़, भूकंप, सुनामी और विनाशकारी तूफान लगातार तबाही मचाएंगे.

कलयुग अंतिम रात: जब हर चीज नष्ट हो जाएगी

रिश्तों का अंत, भरोसे का टूटना, और स्वार्थ की पराकाष्ठा, यही होंगे उस रात के लक्षण. दीया जलाने पर भी रोशनी नहीं दिखेगी, अंधकार सब कुछ निगल लेगा. तेज बारिश, तूफान और बाढ़ में पूरा भूभाग जलमग्न हो जाएगा. लोग असहाय, भूखे-प्यासे, एक-दूसरे को लूटते हुए हिंसा में डूब जाएंगे. जब भगवान कल्कि का अवतार होगा
जब अधर्म अपने चरम पर पहुंच जाएगा, तब भगवान विष्णु कल्कि अवतार के रूप में प्रकट होंगे. उत्तर प्रदेश के संभल में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे. सफेद घोड़े पर सवार होकर, तलवार और धनुष से बुराई का अंत करेंगे. इस विनाश के बाद सतयुग का प्रारंभ होगा.


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