किस्तान ICBM Missile: अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान एक नई परमाणु मिसाइल विकसित कर रहा है, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होगी।

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फॉरेन अफेयर्स की एक रिपोर्ट में पाकिस्तान के नए परमाणु कार्यक्रम का खुलासा किया गया है। इस रिपोर्ट को न्यूक्लियर एक्सपर्ट विपिन नारंग और प्रणय वड्डी ने लिखा है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान लंबी दूरी तक मार करने वाली इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का निर्माण कर रहा है। यदि यह मिसाइल सफलतापूर्वक विकसित हो जाती है, तो यह अमेरिका तक पहुंचने में सक्षम होगी। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस मिसाइल के निर्माण से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का भंडार और भी मजबूत हो जाएगा।

ICBM प्रोजेक्ट का महत्व

क्या है ICBM प्रोजेक्ट और कितना जरूरी?

इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की मारक क्षमता 5500 किलोमीटर से अधिक है। यह मिसाइल परमाणु हथियारों के साथ हमले करने में सक्षम होगी और पारंपरिक हथियार भी ले जा सकेगी। अमेरिका, रूस, चीन और उत्तर कोरिया के पास ऐसी मिसाइलें हैं। यदि पाकिस्तान यह मिसाइल विकसित कर लेता है, तो वह इन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा और न्यूक्लियर मिसाइल बनाने के मामले में भारत से आगे निकल जाएगा। वर्तमान में, पाकिस्तान के पास लंबी दूरी तक मार करने वाली शाहीन-III मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 2700 किलोमीटर है। 2022 में, पाकिस्तान ने इस मिसाइल का परीक्षण किया था, जिससे वह भारत के कई शहरों को निशाना बना सकता है। हालांकि, पाकिस्तान का मानना है कि अमेरिका को निशाना बनाने के लिए न्यूक्लियर मिसाइल की आवश्यकता होगी।

अमेरिका की चिंताएँ

अमेरिका चिंतित क्यों है?
यदि पाकिस्तान सफलतापूर्वक एक ऐसा आईसीबीएम विकसित कर लेता है जो अमेरिका को निशाना बना सके, तो वाशिंगटन उसे परमाणु विरोधी मानने पर मजबूर हो जाएगा। वर्तमान में, इस श्रेणी में केवल रूस, चीन और उत्तर कोरिया को ही रखा गया है।


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