कोटद्वार। शुक्रवार दोपहर जिस वक्त अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में वनंतरा प्रकरण का फैसला सुनाया जा रहा था, न्यायालय से कुछ दूर सड़कों पर विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे थे।

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आरोपितों को फांसी देने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की ओर से लगाई गई बैरिकेडिंग भी तोड़ दी। प्रदर्शनकारियों की ओर से किए गए पथराव के दौरान तीन पुलिसकर्मी चोटिल हुए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए हल्के बल व वाटर कैनन का भी उपयोग करते हुए प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

सुबह से ही जुट गए थे लोग

शुक्रवार को वनंतरा प्रकरण में फैसले को देखते हुए कांग्रेस सहित विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए लोग सुबह से ही न्यायालय से करीब दो सौ मीटर दूर लगे बैरिकेडिंग के पास एकत्र होना शुरू हो गए। फैसले के दौरान किसी भी हंगामे से निपटने के लिए पुलिस ने पूर्व में ही कमर कसी हुई थी।

इसी कारण जनपद पौड़ी के साथ ही जनपद हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी से भारी तादाद में पुलिस बल मंगवाया गया था। साथ ही एक कंपनी पीएसी और दो प्लाटून महिला पीएसी जवानों को तैनात किया गया था। तड़ियाल चौक से सुखरो पुल के मध्य सड़क पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद थी। न्यायालय के आसपास आमजन की आवाजाही भी नहीं थी। साथ ही आसपास की दुकानों को भी बंद रखा गया था।

जगह-जगह बल्लियों व जाली से भारी बैरिकेडिंग बनाई गई थी। अधिवक्ताओं व वादकारियों के अलावा अन्य किसी को न्यायालय में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। सुबह करीब दस बजे से न्यायालय से करीब दो सौ मीटर पहले शिव मंदिर के समीप लगी बैरिकेडिंग पर कांग्रेस व अन्य संगठनों से जुड़े लोग एकत्र होने लगे व आरोपितों को फांसी देने की मांग करते हुए नारेबाजी होने लगी।

दिन चढ़ने के साथ ही प्रदर्शनकारियों की तादाद भी बढ़ती चली गई और प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने के प्रयास शुरू कर दिए। जिससे प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया, जिसमें कुछ प्रदर्शनकारियों को चोट भी आई। इस छोर पर हंगामा चल ही रहा था, जब तक बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी न्यायालय के पिछले हिस्से में सिम्मलचौड़ की ओर बनाई गई बैरिकेडिंग की तरफ पहुंच गए और बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास करने लगे।

प्रदर्शनकारियों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने ड्रोन की भी मदद ली। दोपहर एक बजे हुए इस हंगामे के दौरान प्रदर्शनकारियों की ओर से अचानक पुलिस पर पथराव होने लगी, जिसमें तीन पुलिस कर्मियों को चोट आई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करने के साथ ही वाटर कैनन का प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया।

एसएसपी ने स्वयं संभाला था मोर्चा

शुक्रवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह स्वयं न्यायालय के बाहर मोर्चे पर डटे रहे। बीती शाम कोटद्वार पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने सुबह पूरी पुलिस टीम को ब्रीफ किया और उसके बाद तमाम सुरक्षा बैरियरों का निरीक्षण करते हुए न्यायालय में पहुंच गए। न्यायालय की कार्यवाही शुरू होने से आरोपितों को वापस जेल भेजे जाने तक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक न्यायालय गेट के समीप ही डेरा डाले रहे।


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