
भारत एक बार फिर आक्रामक मोड में आ चुका है, वहीं पाकिस्तान के माथे पर चिंता की लकीरें गहराती जा रही हैं। एक ओर पाकिस्तान ने अपनी फौज को अलर्ट मोड पर डाल दिया है, तो दूसरी ओर हथियारों की खरीदारी में भी बेतहाशा तेजी ला दी है। लेकिन जो बात उसे सबसे ज्यादा डरा रही है, वह है भारत का वह ‘गुप्त पत्ता’ जिसका नाम है आयनी एयरबेस। कहा जाता है कि युद्ध में सबसे घातक हमला वह होता है, जिसकी आहट तक दुश्मन को न मिले। और ऐसा ही कुछ भारत अब कर सकता है। साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर पाक को उसकी भाषा में जवाब दिया था। अब जब पहलगाम की खून से सनी धरती एक और जवाब मांग रही है, तो यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट ने सबका ध्यान खींचा है-और पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
क्या है आयनी एयरबेस?
ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे से कुछ ही दूरी पर स्थित आयनी एयरबेस (जिसे गिस्सार मिलिट्री एयरबेस भी कहा जाता है) अब पाकिस्तान के लिए ‘साइलेंट थ्रेट’ बन गया है। ये वही एयरबेस है जिसे भारत ने करीब 100 मिलियन डॉलर खर्च कर विकसित किया था। रनवे को 3200 मीटर तक बढ़ाया गया ताकि बड़े फाइटर जेट्स जैसे Su-30MKI भी वहां से उड़ान भर सकें। भारत ने इस एयरबेस को उस वक्त विकसित किया था जब 9/11 के बाद पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो रही थी। भारत ने रणनीतिक रूप से इस एयरबेस को तैयार कर लिया, लेकिन इसकी पूरी जानकारी कभी आधिकारिक तौर पर साझा नहीं की गई-और यही इसका सबसे बड़ा हथियार बन गया।
पाकिस्तान की रणनीति पर संकट
इस एयरबेस की सबसे बड़ी ताकत है इसकी लोकेशन। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद यहां से सिर्फ 650 किलोमीटर दूर है और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) तो सिर्फ 600 किलोमीटर दूर। यानी भारत अगर चाहे, तो यहां से उड़ान भरने वाले फाइटर जेट महज कुछ ही मिनटों में पाकिस्तान के संवेदनशील इलाकों को निशाना बना सकते हैं। इसका मतलब है कि पाकिस्तान अब दोहरी मार के डर में जी रहा है। उसे समझ नहीं आ रहा कि पूर्वी सीमा (भारत के साथ पारंपरिक सीमा) पर ज्यादा फौज तैनात करे या पश्चिम की ओर से आने वाले इस ‘अदृश्य खतरे’ की ओर ध्यान दे।
भारत की ‘फ्री हैंड’ नीति
रक्षा मंत्रालय की ओर से साफ कर दिया गया है कि सेना को पूरी छूट दी गई है। यानी जरूरत पड़ने पर, जब और जहां उचित समझा जाए, भारत सैन्य कार्रवाई कर सकता है। आयनी एयरबेस से होने वाली संभावित एयर स्ट्राइक एक ऐसा कदम हो सकता है जो पाकिस्तान की सैन्य रणनीति को पूरी तरह तहस-नहस कर दे। भारत के लिए आयनी एयरबेस सिर्फ एक मिलिट्री बेस नहीं है, बल्कि यह उसकी रणनीतिक सोच और क्षेत्रीय दबदबे का प्रतीक है। इस बेस के जरिए भारत ने दिखा दिया है कि वह सिर्फ अपने घर के अंदर नहीं, बल्कि अपने पड़ोस से बाहर भी दुश्मन पर वार करने की काबिलियत रखता है।
क्या कहती है यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट?
यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के खुफिया एजेंसियों को इस बात का डर सता रहा है कि भारत आयनी एयरबेस का इस्तेमाल कर एक बार फिर उसी तरह का ऑपरेशन अंजाम दे सकता है जैसा उसने बालाकोट में किया था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान की सेना ने कई इलाकों में अपने रडार सिस्टम्स को एक्टिव कर दिया है और एयरस्ट्राइक के किसी भी संकेत को पकड़ने के लिए हाई अलर्ट पर है।
भविष्य की रणनीति क्या हो सकती है?
भारत अब एक नई रणनीति की ओर बढ़ रहा है जिसमें ‘अनप्रीडिक्टेबिलिटी’ सबसे बड़ा हथियार होगा। अगर भारत आयनी एयरबेस का उपयोग करता है, तो यह पाकिस्तान के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा। भारत अब सिर्फ बॉर्डर पर जवाब नहीं दे रहा, बल्कि वह दुनिया के नक्शे पर अपने रणनीतिक मोर्चे भी मजबूत कर चुका है।
भारत का ट्रंप कार्ड आयनी एयरबेस
पहल्गाम हमले के बाद जो हालात बने हैं, वे एक सामान्य सैन्य प्रतिक्रिया से कहीं आगे की कहानी बयां करते हैं। पाकिस्तान अब केवल बॉर्डर पर भारत से नहीं, बल्कि अपने पीछे से भी खतरा महसूस कर रहा है। आयनी एयरबेस भारत का वह ट्रम्प कार्ड है, जिसकी चाल अगर चली गई, तो यह एक बार फिर साबित करेगा कि भारत आतंक के खिलाफ सिर्फ निंदा नहीं करता बल्कि करारा जवाब देता है। क्या आने वाले दिनों में पाकिस्तान को फिर से आसमान से गिरते बमों की आवाज सुनाई देगी? क्या आयनी एयरबेस बनेगा भारत की ‘बालाकोट 2.0’ की शुरुआत?

