
हालांकि, ये स्थल हमेशा से विवादों में रहे हैं। कुछ लोग मानते हैं कि मक्का में स्थित एक पत्थर वास्तव में भगवान शिव का शिवलिंग है। इस क्षेत्र से जुड़ी कई दंतकथाएं प्रचलित हैं।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
इतिहास और धार्मिक मान्यताएं
मक्का और मदीना सऊदी अरब में स्थित हैं, और यहां यह मान्यता है कि इस्लाम के संस्थापक हजरत पैगम्बर मोहम्मद का जन्म यहीं हुआ था। उनके पदचिन्ह आज भी यहां मौजूद हैं। यदि कोई मुस्लिम इस पवित्र स्थल की यात्रा करता है, तो उसके सभी पाप धुल जाते हैं। इस यात्रा को इस्लाम में हज कहा जाता है।
विवाद और ऐतिहासिक दृष्टिकोण
ये स्थल विश्व के सबसे विवादित स्थानों में से एक माने जाते हैं। मक्का-मदीना में केवल मुस्लिम श्रद्धालुओं का ही प्रवेश होता है, जिससे यहां कई कहानियां प्रचलित हैं। कुछ का मानना है कि यहां पहले मक्केश्वर महादेव का मंदिर था, जिसका नाम कालांतर में मक्का और मदीना पड़ा। हाल ही में, एक प्रसिद्ध इतिहासकार ने इस विषय पर अपनी पुस्तक में कई बातें साझा की हैं।
पि एन ओक का दृष्टिकोण
इतिहासकार पि एन ओक ने अपनी पुस्तक ‘वैदिक विश्व राष्ट्र का इतिहास’ में उल्लेख किया है कि यहां एक बड़ा पत्थर है, जिसे मुस्लिम श्रद्धालु चूमते हैं और इसके चारों ओर परिक्रमा करते हैं। उनका दावा है कि यह पत्थर वास्तव में भगवान शिव का शिवलिंग है। इस बात ने सोशल मीडिया पर काफी चर्चा पैदा की।
वास्तविकता और तथ्य
हालांकि, यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि यहां कोई शिवलिंग नहीं है। यह केवल एक दंतकथा है, जिसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। वास्तव में, मक्का-मदीना एक सूखी और संकीर्ण घाटी में स्थित है, जहां वर्षा बहुत कम होती है। यहां रहने वाले लोगों की आजीविका मुख्य रूप से आने वाले यात्रियों पर निर्भर करती है। इस क्षेत्र में काबा नामक एक महत्वपूर्ण इमारत है, जहां पैगम्बर मोहम्मद का जन्म हुआ था। मुस्लिम श्रद्धालु यहां सात चक्कर लगाते हैं और इसे चूमते हैं। गैर-मुस्लिमों का यहां प्रवेश निषिद्ध है।
