
रुद्रपुर अटरिया मंदिर परिसर में आयोजित मेले का दृश्य कुछ ऐसा था मानो काशी का कुंभ उतर आया हो। सजीधजी दुकानों, श्रद्धालु जनसैलाब और भक्ति में डूबे माहौल के बीच हम ढूंढ रहे थे ‘मोनालिसा’—उस रहस्यमयी मुस्कान वाली छवि को जो दिल को छू जाए। मोनालिसा तो नहीं मिली, लेकिन जो मिली, वो उससे कम भी नहीं थी।


मोहिनी बिष्ट
हम बात कर रहे हैं मोहिनी बिष्ट की, जो शैल ग्लोबल टाइम्स की संपादक हैं। पढ़ी-लिखी, विचारशील और सजीव मुस्कान से ओतप्रोत मोहिनी बिष्ट ने न सिर्फ संवाद की कला को अपने अंदाज़ में परिभाषित किया, बल्कि अपने व्यवहार और व्यक्तित्व से लोगों का दिल जीत लिया।
मास्टर डिग्री धारक मोहिनी बिष्ट, पत्रकारिता के क्षेत्र में एक सशक्त और सम्मानित नाम बन चुकी हैं। धार्मिक स्थलों पर जाकर रिपोर्टिंग करना उनके लिए सिर्फ पेशा नहीं, आस्था और संस्कृति से जुड़ने का माध्यम है। अटरिया मंदिर में भी वे पूरी श्रद्धा और सकारात्मक ऊर्जा के साथ उपस्थित रहीं।
उनकी सबसे बड़ी खूबी है उनका ‘संपूर्ण सकारात्मक दृष्टिकोण’। चाहे वह अपने परिवार की जिम्मेदारियां हों या समाज की, मोहिनी बिष्ट हमेशा मदद के लिए तत्पर रहती हैं। उनका कहना है—“सच्चा धर्म वही है, जो मनुष्य को सेवा और सद्भाव की ओर प्रेरित करे।”
मेला क्षेत्र में जब लोगों की निगाहें उन पर पड़ीं, तो मानो किसी चित्रकार की कल्पना साकार हो गई हो। उनकी सरलता, सौम्यता और आत्मविश्वासपूर्ण मुस्कान ने हर किसी को आकर्षित किया। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ‘हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स की मोनालिसा’ कहकर संबोधित करने लगे हैं।
अटरिया मंदिर की पावन धरा पर मोहिनी बिष्ट का यह आध्यात्मिक व सकारात्मक उपस्थित होना इस बात का प्रतीक है कि नारी शक्ति न केवल घर-परिवार, बल्कि समाज, धर्म और मीडिया में भी अपना विशिष्ट स्थान रखती है।
