नैनीताल। हाई कोर्ट ने गन्ना पर्यवेक्षक के 78 के पदों पर भर्ती मामले में एकल पीठ के निर्णय को पलटते हुए कहा कि भर्ती एजेंसी का काम परीक्षा आयोजित करना व परिणाम घोषित करना है जबकि भर्ती के लिए अभ्यर्थियों की अर्हता तय करने का अधिकार नियोक्ता या राज्य सरकार को है।

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कोर्ट ने उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जबाव देने को कहा है। सरकार ने इस मामले में आपत्ति दर्ज करने के लिये दो सप्ताह का समय मांगा है।

बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की एकलपीठ में हाकम सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

कोर्ट ने सरकारी पक्ष के इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय देने के आग्रह को स्वीकार कर लिया। मामले की अगली सुनवाई को 10 नवंबर की तिथि नियत की है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में एसटीएफ ने स्नातक स्तरीय परीक्षा से पहले हाकम को गिरफ्तार किया था।


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