
रुद्रपुर उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2025 को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कराने के उद्देश्य से ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में सोमवार को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार, रुद्रपुर में सभी रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) को मास्टर ट्रेनर्स द्वारा महत्वपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया गया।


निष्पक्षता और सतर्कता की दी सीख
मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आरओ और एआरओ चुनाव प्रक्रिया की रीढ़ होते हैं, अतः उन्हें हस्तपुस्तिका और पंचायती राज अधिनियम का गहन अध्ययन करना चाहिए। नामांकन, उसकी जांच तथा प्रतीक चिन्ह आवंटन में अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने दो टूक कहा कि, “निर्वाचन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी अधिकारी पूर्णतया तटस्थ और सजग रहें।”
प्रशिक्षण में तकनीकी निर्देश
मास्टर ट्रेनर नरेश चंद्र दुर्गापाल और जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल ने आरओ/एआरओ को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करते हुए बताया कि नामांकन पत्रों की समय पर प्राप्ति, उसकी जांच और प्रतीक चिन्ह का निष्पक्ष आवंटन सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी नामांकन स्थलों का पूर्व निरीक्षण कर सुविधाएं सुनिश्चित कर ली जाएं और अधीनस्थ स्टाफ की तैनाती समय रहते कर दी जाए।
पीपीटी के माध्यम से ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के नामांकन की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया गया। विकास खंड कार्यालयों में ग्राम स्तर के नामांकन होंगे जबकि जिला पंचायत सदस्य के लिए नामांकन जिला पंचायत कार्यालय में होंगे।
आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन अनिवार्य
उप जिला निर्वाचन अधिकारी कौस्तुभ मिश्र ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी नोडल अधिकारियों को ‘निर्वाचन मोड’ में सक्रिय होकर कार्य प्रारंभ करने को कहा।
इस प्रशिक्षण में मुख्य कोषाधिकारी डॉ. पंकज कुमार शुक्ल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. के.के. अग्रवाल, उप जिलाधिकारी जसपुर सीएस चौहान, और कई आरओ-एआरओ, नोडल अधिकारी तथा खण्ड विकास अधिकारी शामिल रहे।
आचार संहिता लागू, 24 जून का तहसील दिवस स्थगित
निर्वाचन की घोषणा के साथ ही 21 जून 2025 से जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। इसके मद्देनज़र जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए 24 जून को जसपुर में प्रस्तावित तहसील दिवस, सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम और बहुउद्देशीय जन कल्याण शिविरों को निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक स्थगित कर दिया है।
प्रशासन ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे कोई भी प्रचारात्मक, प्रलोभन या लोकार्पण संबंधी गतिविधि तब तक संचालित न करें जब तक चुनाव प्रक्रिया समाप्त न हो जाए।
नैनीताल हाईकोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर लगाई थी अस्थायी रोक
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले नैनीताल उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने वीरेन्द्र सिंह बुटोला और गणेश दत्त कांडपाल द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि सरकार ने कुछ संवैधानिक प्रावधानों और आरक्षण संबंधी प्रक्रियाओं का सही ढंग से पालन नहीं किया है।
हालाँकि बाद में राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट जवाबी हलफनामा दाखिल किए जाने और निर्वाचन आयोग की दलीलों के पश्चात न्यायालय ने निर्वाचन की प्रक्रिया को सशर्त अनुमति दी, लेकिन निर्देशित किया कि राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग नामांकन व आरक्षण से जुड़ी पारदर्शिता और नियमबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
उत्तराखंड में पंचायत चुनावों को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। प्रशिक्षण, सतर्कता और आचार संहिता के सख्त पालन से यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि जिला प्रशासन निर्वाचन प्रक्रिया को बिना किसी गड़बड़ी के सम्पन्न कराना चाहता है। हाईकोर्ट की निगरानी और जनहित याचिकाओं से उपजे दबाव के बीच निर्वाचन आयोग और जिला प्रशासन के लिए यह एक बड़ी परीक्षा होगी – जिसमें पारदर्शिता, निष्पक्षता और समयबद्धता ही सबसे बड़ा मूल्यांकन बिंदु होगा।
रिपोर्ट: अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, उत्तराखंड(हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स / शैल ग्लोबल टाइम्स विशेष)
