
कंचन नाथ इन दिनों चिलचिलाती धूप में ‘अग्नि तप’ कर रही हैं, और उनके तप की तस्वीरें व वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
Who Is Kanchan Nath: कौन हैं बाल योगी साध्वी कंचन नाथ?
इतनी कम उम्र में त्याग, संयम, भक्ति और कठोर तप की राह पर चलने वाली कंचन नाथ को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं-उनका जन्म कहां हुआ? माता-पिता कौन थे? उनके पास करोड़ों की संपत्ति कहां से आई? इन सभी सवालों के जवाब उनकी गुरु योगी राजनाथ और ढाकल गांव के सरपंच अनिल कुंडू ने दिए हैं।
Kanchan Nath family: कंचन नाथ का परिवार
योगी राजनाथ के अनुसार, कंचन नाथ का जन्म नोएडा, उत्तर प्रदेश में हुआ। जब वह गर्भ में थीं, तभी उनके पिता का निधन हो गया। जन्म के कुछ समय बाद मां भी चल बसीं। नानी अंधी थीं और मामा समेत अन्य रिश्तेदार उन्हें पालने में असमर्थ थे। ऐसे में 5.5 माह की उम्र में उन्हें नरवाना स्थित उनके आश्रम में छोड़ दिया गया, जहां से उनका साध्वी जीवन आरंभ हुआ।
Kanchan Nath education: कंचन नाथ की शिक्षा
भारत की सबसे छोटी साध्वी कही जा रही कंचन नाथ फिलहाल 12वीं कक्षा की स्वयंपाठी छात्रा हैं। उन्होंने कक्षा 4 तक की शिक्षा आश्रम में ली, फिर छात्रावास में दाखिला लेकर आगे की पढ़ाई की। दसवीं की परीक्षा चरखी दादरी के एक गुरुकुल से पास की और अब 12वीं की परीक्षा देने जा रही हैं।
Kanchan Nath Net Worth: कंचन नाथ की कुल संपत्ति
योगी राजनाथ ने बताया कि उन्होंने कंचन नाथ को गोद लिया है और अपनी गद्दी की उत्तराधिकारी घोषित किया है। साथ ही तीन शिव मंदिरों और अपनी निजी जमीन भी उनके नाम कर दी है। इन संपत्तियों की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।
Bal yogi Kanchan Nath: साध्वी बनने की प्रेरणा कैसे मिली?
राजनाथ कहती हैं कि कंचन को कभी जबरदस्ती साध्वी नहीं बनाया गया। बचपन से ही वह विवाह और पारिवारिक जीवन से दूर रहकर भक्ति और तप की राह पर चलना चाहती थीं। 9 साल की उम्र में उनके कान पारंपरिक नाथ पंथ के अनुसार छेदे गए, जिससे वे विधिवत साध्वी बनीं।
पहले भी कर चुकी हैं कठोर तप
यह पहली बार है जब कंचन नाथ ढाकल गांव में अग्नि तप कर रही हैं। इससे पहले 13-14 साल की उम्र में उन्होंने गांव बाणा के 108 शिव मंदिर में 9 दिनों तक जमीन में गड्ढा खोदकर तपस्या की थी। उस दौरान उन्होंने पेट पर जौ उगा लिए थे और अन्न-जल का त्याग किया था।
क्या कंचन नाथ अघोरी साध्वी हैं?
नहीं, कंचन नाथ हरियाणा की साध्वी चंचल नाथ की तरह अघोरी नहीं हैं। वे वैष्णव परंपरा की साध्वी हैं। योगी राजनाथ के अनुसार, अघोरी श्मशान में रहते हैं, कपाल में भोजन करते हैं और शरीर पर राख मलते हैं। जबकि वैष्णव साधु-साध्वियां सनातन धर्म की मर्यादाओं में रहकर शिव भक्ति और मानव कल्याण के लिए तप करते हैं।
