दर्शनों का यह क्रम आगामी 15 सितंबर को मूर्तियों के नैनी झील में विसर्जन तक चलता रहेगा. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने भी सुबह पंडाल में पहुंचकर माता नंदा-सुनंदा के दर्शन किये और नैनीताल के अपनी ननिहाल होने के नाते बचपन से यहां की यादें साझा कीं और सभी को महोत्सव की बधाई व शुभकामनाएं दीं.
नंदा देवी महोत्सव के लिए बुधवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त में सुबह तड़के लगभग 4 बजे सुहावने मौसम के बीच माता के कपाट खोले गए, जबकि इससे करीब एक घंटा पूर्व यानी करीब 3 बजे से ही माता नंदा-सुनंदा के पंडाल के बाहर श्रद्धालु महिलाओं का जुटना और साढ़े तीन बजे से भजन कीर्तन प्रारंभ हो गये थे. फिर लोगों में अटूट आस्था व श्रद्धा बरसाने वाली मां नंदा-सुनंदा पवित्र कदली वृक्षों से ‘प्राकृत पर्वताकार’ रूप में जैसे ही प्रकट हुईं, श्रद्धालुओं के जयकारे से पूरा वातावरण गूंज गया. इस दौरान ‘बोलो नंदा-सुनंदा मैया की जय’ के जयकारों से सरोवरनगरी गुंजायमान रही. आचार्य भगवती प्रसाद जोशी ने सभी पूजा अनुष्ठान कराए और सबसे पहली पहुंची महिला श्रद्धालुओं की विशेष पूजा-अर्चना भी कराई.
इस दौरान नगर एवं आसपास के गांवों के लाखों श्रद्धालु आज स्वयं को धन्य महसूस कर रहे थे और पिछले एक वर्ष के लंबे इंतजार के बाद अपनी मनमांगी मुराद पूरी होना मान रहे थे. साथ ही शक्तिस्वरूपा माता नंदा से अपने जीवन के संकल्पों व लक्ष्यों के लिये शक्ति स्वरूप धार्मिक-आध्यात्मिक ऊर्जा ले रहे थे.
इस दौरान आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के पदाधिकारियों के साथ स्काउट-गाइड एवं पुलिस कर्मी भी व्यवस्थाएं बनाने में जुटे रहे. महोत्सव के आयोजन में सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, विमल चौधरी, डॉ. ललित तिवारी, नवीन पांडे व हरीश राणा सहित अनेक पदाधिकारी व सदस्य तथा कार्यकर्ता भी माैजूद रहे.
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