
यह उनके करियर में पहली बार है जब उन्होंने 90 मीटर का थ्रो किया है, और वह इस उपलब्धि को हासिल करने वाले पहले भारतीय जैवलिन थ्रोअर बन गए हैं। नीरज ने यह ऐतिहासिक थ्रो अपने तीसरे प्रयास में किया, जिससे उन्होंने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है। इससे पहले, उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.94 मीटर था, जो स्टॉकहोम डायमंड लीग में आया था।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास
नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास
जैवलिन थ्रो के दिग्गज खिलाड़ी और ओलंपिक चैंपियन यान जैलेज्नी की कोचिंग में नीरज चोपड़ा ने पहली बार मैदान पर उतरते हुए एक नया इतिहास रच दिया है। दोहा डायमंड लीग में नीरज ने 90 मीटर की दीवार को तोड़ते हुए कतर की राजधानी में कमाल कर दिया। उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में 90.23 मीटर का थ्रो फेंका, जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले, उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94 मीटर था, जो 2022 में स्टॉकहोम डायमंड लीग में आया था।
कोच बदलने का फैसला बन गया वरदान
कोच बदलने का फैसला बन गया वरदान
नीरज चोपड़ा ने पिछले सीजन के अंत में क्लॉस बार्टोनीट्ज को छोड़ने का निर्णय लिया था। क्लॉस की देखरेख में नीरज ने ओलंपिक में दो पदक जीते थे, लेकिन उनकी महत्वाकांक्षाएं और भी बड़ी थीं। इसलिए, उन्होंने चेक रिपब्लिक के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी यान जैलेज्नी को अपना नया कोच बनाया। यह निर्णय उनके लिए वरदान साबित हुआ, क्योंकि जैलेज्नी के मार्गदर्शन में नीरज ने 90 मीटर का लक्ष्य हासिल किया, जिसके लिए वह वर्षों से मेहनत कर रहे थे।
इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.94 मीटर था, जो उन्होंने 30 जून 2022 को स्टॉकहोम डायमंड लीग में फेंका था।
बेस्ट थ्रो के बावजूद, नीरज चोपड़ा को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। जर्मनी के वेबर जूलियन ने 91.06 मीटर के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया। नीरज छह में से पांचवें थ्रो तक नंबर एक पर थे, लेकिन छठे और आखिरी थ्रो में जूलियन उनसे आगे निकल गए।
बता दें कि 90 मीटर की दूरी केवल एक आंकड़ा नहीं थी, बल्कि नीरज चोपड़ा के लिए यह एक चुनौती बन चुकी थी। वह कई बार इस आंकड़े के बेहद करीब पहुंचे थे, लेकिन हर बार 88 या 89 मीटर तक सीमित रह गए।
टोक्यो ओलंपिक और बुडापेस्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने के बावजूद यह सवाल बना रहता था कि क्या नीरज कभी 90 मीटर को पार कर पाएंगे? अब इसका जवाब नीरज ने पूरी दृढ़ता के साथ दे दिया है।
नीरज चोपड़ा ने जब तीसरे प्रयास में यह ऐतिहासिक थ्रो किया, तो पूरा मैदान झूम उठा। इस प्रदर्शन में उनके नए कोच जान जेलेज्नी की भूमिका भी अहम मानी जा रही है।
नीरज ने हाल ही में जर्मन कोच डॉ. क्लॉस बार्टोनिएट्ज को हटाकर तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जेलेज्नी (चेक गणराज्य) को अपना कोच बनाया था।
इस थ्रो के साथ नीरज अब 90 मीटर क्लब में शामिल हो गए हैं, जिसमें ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता पाकिस्तान के अर्शद नदीम जैसे खिलाड़ी पहले से मौजूद हैं। यह उपलब्धि नीरज के लिए सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी एक बहुत बड़ी जीत है।
दोहा में यह नीरज का इस सीजन का पहला बड़ा मुकाबला था, जहां उनका सामना दो बार के वर्ल्ड चैंपियन और 2024 ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ग्रेनेडा के पीटर्स एंडरसन, चेकिया के याकुब वाडलेजच (2024 के दोहा विजेता), जर्मनी के वेबर जूलियन और मैक्स डेह्निंग, केन्या के जूलियस येगो और जापान के रोडरिक जेंकी डीन जैसे दिग्गजों से हुआ।
एंडरसन 85.64 मीटर के साथ कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।
