देश ही नहीं, दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वदेश वापसी के बाद इसका ऐलान हो सकता है.

Spread the love

इस दौड़ में तीन केंद्रीय मंत्रियों शिवराज चौहान, धर्मेंद्र प्रधान और मनोहर लाल खट्टर का भी नाम है. ओबीसी नेता के तौर पर भूपेंद्र यादव का नाम भी दौड़ में बताया जा रहा है. इस रेस में भाजपा की कुछ महिला नेताओं के नाम भी सामने आए हैं, जिनमें निर्मला सीतारमण, पुंरदेश्वरी शामिल हैं.इस तरह से पांच केंद्रीय मंत्री दौड़ में बताए जाते हैं.

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

बीजेपी संगठन के संविधान के अनुसार, उसने पर्याप्त संख्या में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव कर लिया है, जो राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के लिए आवश्यक है. माना जा रहा है कि संगठन में संभावित दावेदारों को लेकर चर्चा जोरों पर है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में ही पूरा हो गया था. लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था. नया अध्यक्ष चुने जाने तक वो पद पर बने रहेंगे.

बिहार और बंगाल विधानसभा चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव अक्तूबर-नवंबर 2025 में हो सकता है. जबकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल 2026 में हो सकता है. बिहार में बीजेपी-जेडीयू के सामने सरकार बचाने की चुनौती है तो बंगाल में बीजेपी लंबे समय से तृणमूल कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए आक्रामक हिन्दुत्व का रुख अख्तियार किए हुए है.

भाजपा के 25 से ज्यादा राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष
बीजेपी ने 25 से ज्यादा राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर ली है. बीजेपी महासचिव सुनील बंसल और विनोद तावड़े का नाम भी लिया जा रहा है.राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर बीजेपी ऐसे चेहरे पर दांव खेलना चाहेगी, जिसके पास संगठन का अनुभव हो और वो जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों में भी पूरी तरह फिट बैठे. आगामी बिहार और बंगाल विधानसभा चुनाव की अहमियत को भी पार्टी नजरअंदाज नहीं कर सकती.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव
भाजपा ने पार्टी संविधान के मुताबिक, कुछ महीने पहले प्रदेश स्तर पर संगठनात्मक चुनाव कराए. उसके पहले जिला और मंडल स्तर पर भी चुनाव प्रदेश में कराए गए. फिर देश के 50 फीसदी राज्यों में प्रदेश भाजपा अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है. दो जुलाई को पार्टी ने 9 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बीजेपी अध्यक्ष की घोषणा की. इसमें मध्य प्रदेश, उत्तराखंड महाराष्ट्र से लेकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्य शामिल हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ सबकी निगाहें देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष के नए नाम पर भी सबकी निगाहें होंगी.

शिवराज सिंह चौहान प्रबल दावेदार
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदारों में हैं. ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखने वाले शिवराज की भाजपा के साथ संघ में भी काफी हद तक स्वीकार्यता है. चौहान की बोलने की शैली, मिलनसार स्वभाव भी उनके पक्ष में जाती है. वो लंबे समय तक आरएसएस से जुड़े रहे हैं. मुख्यमंत्री के तौर पर उनका लंबा कार्यकाल रहा है.

मनोहर लाल खट्टर का नाम
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री के पास भी सत्ता और संगठन दोनों का अनुभव है. आरएसएस से लंबे समय तक जुड़े रहे केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल शांत और पर्दे के पीछे काम करने वाले नेताओं में से रहे हैं. पीएम मोदी के भी वो काफी करीबी हैं.

भूपेंद्र यादव भी रेस में
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव संगठन के पुराने महारथी हैं. बिहार-एमपी से लेकर गुजरात तक चुनाव प्रभारी के तौर पर वो अपने सांगठनिक कौशल का परिचय बखूबी दे चुके हैं. जातिगत समीकरणों में भी वो फिट बैठते हैं. देश में 54 फीसदी ओबीसी आबादी को देखते हुए भूपेंद्र यादव बीजेपी के लिए बड़ा चेहरा बन सकते हैं. बिहार में इस साल और 2027 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए उनके पक्ष में फैसला हो सकता है.

धर्मेंद्र प्रधान क्या बाजी मारेंगे
ओडिशा से ताल्रुक रखने वाले धर्मेंद्र प्रधान शांत-गंभीर छवि के साथ सक्रियता से सरकार और संगठन के एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले नेताओं में से हैं. सरकार में भी पहले पेट्रोलियम और फिर शिक्षा मंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल विवादों से दूर रहा है.

सुनील बंसल औऱ विनोद तावड़े का नाम भी उभरा
सुनील बंसल संगठन में पर्दे के पीछे काम करने वाले नेताओं में से एक हैं. राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर संगठन के कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वो अपना सांगठनिक कौशल का लोहा मनवा चुके हैं. महाराष्ट्र से आने वाले विनोद तावड़े भी कई राज्यों के चुनाव प्रभारी रहे हैं.


Spread the love