16 जून 2025उत्तराखंड में परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर हो, न कि जनसंख्या के – धीरेंद्र प्रताप राज्य आंदोलनकारियों की बैठक में उपेक्षा पर फूटा आक्रोश, कुमाऊं-गढ़वाल में बड़े सम्मेलन की तैयारी

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रुद्रपुर। उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक में राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य की अवधारणा और आंदोलनकारियों की उपेक्षा पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। बैठक में स्पष्ट मांग की गई कि उत्तराखंड में विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन जनसंख्या के बजाय क्षेत्रफल के आधार पर किया जाए, ताकि पर्वतीय क्षेत्रों को न्याय मिल सके।

बैठक की अध्यक्षता मंच के संयोजक चंद्रशेखर जोशी ने की, जबकि संचालन नवीन नैथानी ने किया। इस मौके पर उत्तराखंड राज्य सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व कैबिनेट दर्जा मंत्री धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि राज्य बनने के 25 साल बाद भी आंदोलनकारियों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि 10% क्षैतिज आरक्षण लागू होने के बावजूद इसके लाभ से राज्य आंदोलनकारी और उनके आश्रित वंचित हैं।

उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को मिलने वाला मामूली मानदेय भी समय पर नहीं दिया जा रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। धीरेन्द्र प्रताप ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र निर्णय नहीं लिए तो आंदोलनकारी कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों में राज्यस्तरीय सम्मेलन कर आगे की रणनीति तय करेंगे। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब सारे आंदोलनकारी दिवंगत हो जाएंगे, तब सरकार उनका चिन्हीकरण करेगी क्या?

राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने स्पष्ट कहा कि अब वक्त आ गया है कि आंदोलनकारी फिर से सड़कों पर उतरें और शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि राज्य की अवधारणा, सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा के लिए एकजुट आंदोलन जरूरी है।

पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री पुष्कर दुर्गापाल ने कहा कि यदि सभी आंदोलनकारी एक मंच पर आ जाएं, तो राज्य सरकार को आंदोलनकारियों की मांगें मानने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

बैठक में रामनगर की बिगड़ती कानून व्यवस्था, ट्रैफिक जाम, और पर्यटन प्रभावित हो रहे श्रद्धालुओं की परेशानियों को लेकर भी चिंता जताई गई। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से प्रतिनिधिमंडल के ज़रिए मिलकर ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया।

बैठक में अनेक राज्य आंदोलनकारियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से

इन्दर सिंह मनराल, सुमित्रा बिष्ट, कमला जोशी, रईस अहमद, पान सिंह नेगी, सुरेन्द्र नेगी, डी. डी. सती, मनोज गोस्वामी, योगेश सती, नारायण सिंह रावत, जितेन्द्र गौड़, प्रभात ध्यानी, नवीन नैथानी, चंद्रशेखर जोशी, और धीरेन्द्र प्रताप प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


संपर्क हेतु:

राज्य निर्माण सेनानी मंच, उत्तराखंड

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