रविवार को पाकिस्तान को सबक सिखाते हुए भारत ने चिनाब नदी का पानी रोक दिया। बगलिहार डैम का फाटक बंद करने से पाकिस्तान जाने वाले पानी का बहाव 90 फीसदी कम हो गया है।

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इसका असर अब पाकिस्तान पर दिखने लगा है। सोमवार को पाकिस्तान के सियालकोट में चिनाब नदी का जलस्तर घटकर 15 फीट रह गया। एक दिन में वाटर लेवल 7 फीसदी घट गया है।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

तरसेंगे 3 करोड़ लोग

चिनाब नदी के लगातार सूखने से पंजाब के 24 अहम शहरों के 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को 4 दिन बाद पीने के पानी के लिए तरसना पड़ सकता है। पाकिस्तान के फैसलाबाद और हाफिजाबाद जैसे बड़े शहरों की 80 फीसदी आबादी चेनाब नदी पर निर्भर है। वहीं, पाकिस्तान ने आशंका जताई है कि खरीफ की बुआई में 21 फीसदी की कमी आएगी।

भारत के वॉटर स्ट्राइक से पाक बेदम

आपको बता दें कि जम्मू के रामबन में बगलिहार बांध और उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा हाइड्रो पावर बांध के जरिए अपनी तरफ से पानी को नियंत्रित कर सकता है। यानी इन बांधों के जरिए पाकिस्तान पहुंचने वाले पानी को बिना किसी पूर्व चेतावनी के कम किया जा सकता है और प्रवाह को भी बढ़ाया जा सकता है। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद दशकों पुराने इस समझौते को निलंबित कर दिया था।

रोका जाएगा झेलम का पानी

रामबन में बगलिहार बांध के गेट बंद होने के बाद चिनाब नदी का प्रवाह काफी कम हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि चिनाब के पानी में कमी से पाकिस्तान की कृषि और पर्यावरण दोनों पर बुरा असर पड़ सकता है। अब सरकार की प्लानिंग किशनगंगा डैम के जरिए झेलम के पानी रोकने पर है। भारत द्वारा रद्द किया गया सिंधु जल समझौता पाकिस्तान की लाइफ लाइन था। पाकिस्तान की 21 करोड़ से ज्यादा आबादी सिंधु और उसकी 4 सहायक नदियों पर निर्भर करती है। कृषि का 90 फीसदी सिंचाई इसी से होता है।


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