दक्षिण कश्मीर के प्रमुख पर्यटक स्थल पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को आतंकियों टूरिस्ट के एक ग्रुप पर हमला कर दिया. दो से तीन आतंकियों ने पुलिस की वर्दी में टूरिस्टों पर 50 राउंट से ज्यादा फायरिंग की.

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सूत्रों के मुताबिक इस आतंकी हमले में 28 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका है.

शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता

गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे श्रीनगर

इसके हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर है. एनआईए की टीम बुधवार (23 अप्रैल 2025) को पहलगाम जा सकती है. इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर इस हमले की जानकारी दी. पीएम से बात करने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने इमरजेंसी बैठक बुलाई. फिलहाल गृहमंत्री श्रीनगर पहुंच चुके हैं.

पीएम बोले- किसी को बख्शा नहीं जाएगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय सऊदी अरब दौर पर हैं. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कड़ी कार्रवाई की बात कही है. पीएम मोदी ने कहा, “इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा…उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा.”

आतंकियों ने पर्यटकों पर शुरू कर दी गोलीबारी

यह हमला दोपहर करीब तीन बजे हुआ, जब आतंकवादी बैसरन घाटी में पहाड़ से नीचे उतरे और वहां पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी. इस स्थान को लंबे हरे-भरे घास के मैदानों के कारण मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है. हमले वाली जगह का एक वीडियो सामने आया है जिसमें कई लोग खून से लथपथ और जमीन पर बेसुध पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि महिला पर्यटक रोते हुए अपने प्रियजनों की तलाश कर रही हैं.

गृहमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट कर कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को घटना के बारे में जानकारी दी है और संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की है. श्रीनगर में गृहमंत्री सभी एजेंसियों के साथ तत्काल एक सुरक्षा समीक्षा बैठक करेंगे. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मृतकों की संख्या का अभी पता लगाया जा रहा है. उन्होंने इस आतंकवादी हमले को हाल के वर्षों में आम नागरिकों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा बताया है.

कई लोग अभी भी घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ये हमला ऐसे वक्त पर हुआ जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के दौरे पर हैं। इसलिए इस घटना को और भी गंभीर माना जा रहा है।

महाराष्ट्र के दो टूरिस्ट की पहचान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में महाराष्ट्र के दिलीप और अतुल नाम के दो पर्यटकों की भी जान गई है।

सरकार एक्शन में, हेल्पलाइन नंबर जारी

घायलों और लापता लोगों की जानकारी के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं:

अनंतनाग पुलिस: 9596777669, 01932225870 वॉट्सऐप नंबर: 9419051940 श्रीनगर पुलिस इमरजेंसी: 0194-2457543, 0194-2483651 ADC श्रीनगर आदिल फरीद: 7006058623

पीएम मोदी का सख्त संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले पर कड़ी निंदा की और गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की। उन्होंने कहा ‘जो लोग इस हमले के पीछे हैं, उन्हें कभी बख्शा नहीं जाएगा। उनका नापाक मकसद कभी कामयाब नहीं होगा। हमारी आतंकवाद से लड़ने की ताकत और संकल्प और मजबूत हुआ है।’

आतंकवादियों ने 54 वर्षीय संतोष जगदाले को तंबू से बाहर आने और इस्लाम की एक आयत पढ़ने के लिए कहा। जब वह आयत नहीं पढ़ पाए तो आतंकवादियो ने जगदाले को गोलियों से छलनी कर दिया। उन्होंने जगदाले पर तीन बार गोली मारी, एक बार उनके सिर में, फिर कान के पीछे और फिर पीठ में गोली मारी।

पीड़ित की बेटी ने सुनाई आपबीती

संतोष जगदाले पुणे के एक व्यवसायी थे। उनकी 26 वर्षीय बेटी असावरी जगदाले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को आपबीती सुनाई। जगदाले की बेटी ने कहा, ”पिता के जमीन पर गिर जाने के बाद, बंदूकधारियों ने मेरे बगल में चाचा पर हमला किया और उनकी पीठ में कई गोलियां बरसाईं।”

असावरी जगदाले ने इस हमले के पांच घंटे बाद ‘पीटीआई-भाषा’ को टेलीफोन पर बताया, ”हम पांच लोगों का समूह थे, जिसमें मेरे माता-पिता भी शामिल थे। जब गोलीबारी शुरू हुई तब हम पहलगाम के पास बैसरन घाटी एवं मिनी स्विटजरलैंड नामक जगह पर थे।”

कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है।

छुट्टियां मनाने गए थे पहलगाम

असावरी को नहीं पता कि उनके पिता और चाचा जिंदा हैं भी या उनकी मौत हो चुकी है। असावरी, उनकी मां और एक अन्य महिला रिश्तेदार किसी तरह बच गईं तथा स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों ने उन्हें पहलगाम क्लब पहुंचाया। असावरी (26) पुणे में मानव संसाधन पेशेवर हैं। उन्होंने बताया कि उनका परिवार इस खूबसूरत जगह पर छुट्टियां मनाने के लिए गया था। उन्होंने पास की पहाड़ी से उतर रहे लोगों द्वारा की जा रही गोलीबारी की आवाज सुनी।

असावरी ने बताया कि गोलीबारी करने वाले लोगों ने स्थानीय पुलिस के जैसे कपड़े पहने हुए थे। असावरी ने कहा, ”हम तुरंत सुरक्षा के लिए पास के एक तंबू में जाकर छिप गए। छह-सात अन्य (पर्यटक) भी वहां पहुंच गए। हम सभी गोलीबारी से बचने के लिए जमीन पर लेट गए। हमें तब यह लगा कि शायद आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ हो रही है।”

‘चौधरी तू बाहर आ जा’

उन्होंने बताया कि आतंकवादियों का समूह पहले पास के एक तंबू के पास आया और उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। असावरी ने बताया कि इसके बाद वे हमारे तंबू में आए और उन्होंने मेरे पिता को बाहर आने के लिए कहा। असावरी ने बताया, ”आतंकवादियों ने कहा कि चौधरी तू बाहर आ जा।”

उन्होंने बताया कि इसके बाद आतंकवादियों ने उन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करने का आरोप लगाया। इसके बाद आतंकवादियों ने उनके सामने इस बात से इनकार किया कि कश्मीरी आतंकवादी निर्दोष लोगों, महिलाओं और बच्चों की हत्या करते हैं। फिर उन्होंने मेरे पिता से इस्लाम की एक आयत (संभवतः कलमा) सुनाने के लिए कहा। जब वह नहीं सुना पाए तो उन्होंने मेरे पिता पर तीन गोलियां चला दीं। उन्होंने मेरे पिता के सिर पर, कान के पीछे और पीठ में गोली मारी।”

उन्होंने बताया कि मेरे चाचा मेरे बगल में थे। आतंकवादियों ने उन पर चार से पांच गोलियां चलाईं। असावरी ने बताया कि आतंकवादियों ने मौके पर मौजूद कई अन्य पुरुषों पर भी गोलियां बरसाईं। मदद के लिए कोई नहीं था। कोई पुलिस या सेना नहीं थी। पुलिस और सेना घटना के 20 मिनट बाद मौके पर पहुंची। यहां तक कि स्थानीय लोग भी इस्लामी आयत पढ़ रहे थे।

असावरी ने कहा, ”जो लोग हमें टट्टुओं पर लेकर आए थे उन्होंने मेरी, मेरी मां समेत तीन महिलाओं की मदद की। इसके बाद हमारा मेडिकल परीक्षण कराया गया और फिर हमें पहलगाम क्लब में स्थानांतरित कर दिया गया।” असावरी ने बताया, ”अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे गोलीबारी शुरू। पांच घंटे हो गए हैं और मेरे पिता और चाचा के स्वास्थ्य के बारे में मुझे कोई भी जानकारी नहीं मिली है।”


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