
जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया और मेनस्ट्रीम मीडिया के जरिए पाकिस्तान पहुंची, पाकिस्तान के नेताओं की घबड़ाहट सामने आ गई. कुछ ने तो 24 से 36 घंटे का काउंटडाउन भी शुरू कर दिया तो कुछ ने गौरी-गजनी-शाहीन मिसाइलें गिनानें शुरू कर दीं. जब से ये खबर आई है कि सेना को मोदी सरकार ने खुली छूट दे दी है तब से ही देशभर के लोगों के बीच एक ही सवाल है कि आखिर सेना को खुली छूट देने का आशय क्या है?


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
जिस तरह की फोटोज पीएम की मीटिंग की आई है जिसमें सेना और खुफिया विभाग के अफसरों के साथ महत्वपूर्ण मंत्रालयों के मंत्री भी बैठे हैं लोगों के बीच उत्सुकता बढ़ गई है. आज दूसरे दिन पीएम राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति यानी CCPA और कैबिनेट की सुरक्षा समिति यानी CCS की बैठक भी कर रहे हैं. पाकिस्तान के सूचना मंत्री अतातुल्लाह तरार ने दावा किया है कि पक्की खुफिया जानकारी है कि अगले 24 से 36 घंटे में भारतीय सेना का अटैक होने वाला है. जो भी हो इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि पहलगाम के कातिलों का काउंटडाउन शुरू हो चुका है.
1-क्या पाकिस्तान की न्यूक्लियर बम की धमकी बेदम हो गई है?
पाकिस्तान लंबे समय से अपनी परमाणु क्षमता को भारत के खिलाफ एक रणनीतिक हथियार के रूप में प्रस्तुत करता रहा है. पहलगाम अटैक के बाद पाकिस्तानी नेता बार-बार कह रहे हैं कि उनका अस्तित्व खतरे में पड़ा तो वह परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकते हैं. यह न्यूक्लियर गुब्बारा पाकिस्तान की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह भारत को सैन्य कार्रवाई से रोकने के लिए परमाणु युद्ध की धमकी देता है. पर भारत ने जिस तरह अपनी सेना को फ्री हैंड दिया है उसका साफ मतलब है कि पाकिस्तान परमाणु युद्ध की धमकी का भारत पर कोई असर नहीं है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने रॉयटर्स को बताया कि यदि भारत ने सैन्य हस्तक्षेप किया, तो पाकिस्तान सभी विकल्प खुले रखेगा, जिसमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं. लेकिन भारत की सैन्य ताकत, कूटनीतिक रुख, और अतीत की कार्रवाइयों-जैसे 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट हवाई हमले-ने पाकिस्तान की इस धमकी को कमजोर किया था. भारत ने इस बार भी स्पष्ट कर दिया है कि वह परमाणु युद्ध की धमकी से डरने वाला नहीं है, और उसकी कार्रवाइयाँ नियंत्रित, लक्षित, और प्रभावी होंगी.
2- भारतीय सेना को फ्री हैंड देने के क्या मायने हैं
प्रधानमंत्री मोदी की सेना को फ्री हैंड देने की घोषणा का मतलब है कि अब भारतीय सेना आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगी. यह स्वायत्तता तकनीकी और सामरिक स्तर पर है, जिसमें सेना को यह तय करने की आजादी है कि कब, कहां, और कैसे कार्रवाई करनी है. यह नीति पहलगाम हमले के जवाब में आई, जिसे भारत ने पाकिस्तान-आधारित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ा है.
फ्री हैंड का अर्थ यह नहीं है कि सेना पाकिस्तान की तरह अपनी मनमानी करेगी. भारत में लोकप्रिया राजनीतिक नेतृत्व है इसलिए सेना हमेशा उसके मार्गदर्शन में ही काम करती है. जैसा कि 2016 और 2019 में देखा गया, सेना की कार्रवाइयाँ सरकार की मंजूरी और राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्यों के अनुरूप होती हैं. फ्री हैंड का मतलब सिर्फ इतना होता है कि सेना को त्वरित और प्रभावी जवाब देने के लिए नौकरशाही से मुक्त करना.
भारतीय सेना को फ्री हैंड देने के और भी कई मतलब हैं. जैसे भारतीय सेना PoK में आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक या हवाई हमले कर सकती है. भारतीय सेना पाकिस्तान में स्थित आतंकी बेस कैंपों पर आक्रमण कर सकती है.यह भी हो सकता है कि सेना पाकिस्तान के कुछ हिस्सों का नेवल ब्लॉकेज भी कर दे. 1971 में कराची पोर्ट पर नेवल ब्लॉकेज ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया था. ऐसी कार्रवाई फिर से उसकी कमजोर अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है. फ्री हैंड नीति पाकिस्तान को रक्षात्मक स्थिति में ला रही है, जैसा कि उसकी सैन्य और कूटनीतिक प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट है.
3. पाकिस्तान की चिंताएं और नींद उड़ने के सबूत
भारतीय सेना को फ्री हैंड दिए जाने के बाद किस तरह पाकिस्तान के होश उड़े हुए हैं यह हम उनके रिएक्शन में देख सकते हैं. पाकिस्तान में इस घोषणा के बाद घबराहट के कई संकेत दिखे हैं, जो यह दर्शाते हैं कि उसका न्यूक्लियर गुब्बारा कमजोर पड़ रहा है.
पाकिस्तान ने तुरंत अपनी सैन्य तैयारियों को बढ़ा दिया है. X पर पाकिस्तानी सूचना मंत्री ने दावा किया कि भारत 24-36 घंटे के भीतर हमला कर सकता है. पाकिस्तानी सेना ने LoC पर सतर्कता बढ़ाई, और 28-29 अप्रैल की रात को कुपवाड़ा, बारामूला, और अखनूर सेक्टर में गोलीबारी की, जिसका भारत ने जवाब दिया.
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों से हस्तक्षेप की अपील की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने दावा किया कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए तैयार है, लेकिन साथ ही शांति की वकालत की. यह दोहरा रुख उसकी घबड़ाहट का ही नतीजा है.
4- परमाणु धमकी बेअसर
उसकी परमाणु धमकी की विश्वसनीयता कई कारणों से कमजोर है. पहली बात पाकिस्तान परमाणु हमला करके दुनिया भर की आर्थिक नाकेबंदी झेलने की स्थिति में नहीं है. पहले से उसकी जनता रोटी के लिए तरस रही है. अगर पाकिस्तान ऐसी हरकत करता है तो भारत उसको तबाह कर सकता है.
पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं, जो भारत के 172 से थोड़े कम हैं. पर भारत के पास परमाणु हथियारों को ढोने और वॉ़र करने की टेक्नॉलजी पाकिस्तान से मीलों आगे है. इसका कारण यह है कि भारत की आर्थिक और सैन्य संतुलन. भारत का सैन्य बजट (78.7 बिलियन डॉलर) पाकिस्तान (7.6 बिलियन डॉलर) से 10 गुना अधिक है. पाकिस्तान आतंकवाद के समर्थन के कारण पहले से ही FATF जैसे संगठनों के दबाव में है. भारत की सैन्य कार्रवाई और सबूत उसके अलगाव को बढ़ा सकते हैं.
