कहते हैं अगर यह दरवाजा कभी खुल गया, तो प्रकृति का संतुलन बिगड़ सकता है. यहां तक कि प्रलय आ सकती है. इस दरवाजे को लेकर कई मान्यताएं, रहस्य और डर आज भी मंदिर के वातावरण को रहस्यमयी बनाए हुए हैं.


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता]
खुलते ही आ सकती है प्रलय?
स्थानीय मान्यता के अनुसार, पद्मनाभस्वामी मंदिर के सातवें दरवाजे को खोलना किसी बड़ी अनहोनी को न्योता देना है. लोगों का विश्वास है कि यह दरवाजा अनजानी शक्तियों और ईश्वरीय रहस्यों से भरा हुआ है, जिसे छेड़ने पर संसार में विनाश आ सकता है.
नाग करते हैं दरवाजे की रखवाली
इस दरवाजे पर दो विशाल नागों की आकृति बनी हुई है. मान्यता है कि ये नाग केवल प्रतीक नहीं बल्कि *अदृश्य रूप में मौजूद दिव्य नागों की आत्माएं* हैं, जो इस दरवाजे की रक्षा करते हैं. ये दरवाजा आज तक किसी आम इंसान के लिए नहीं खुला.
मंत्रों से बंद है यह रहस्यमयी दरवाजा
इस दरवाजे को बंद करने में कोई ताला या चाबी का उपयोग नहीं हुआ है, बल्कि यह प्राचीन गरुड़ मंत्रों से सील किया गया है. कहा जाता है कि इस मंत्र का सही उच्चारण केवल एक सिद्ध तपस्वी ही कर सकता है. अब तक कोई भी इस मंत्र को सफलतापूर्वक नहीं पढ़ पाया है.
सातवें दरवाजे के पीछे छिपा है अनमोल खजाना?
लोगों का यह भी मानना है कि इस दरवाजे के पीछे अपार खजाना छिपा हुआ है, जो मंदिर को विश्व का सबसे अमीर धार्मिक स्थल बना सकता है. हालांकि, अभी तक किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है क्योंकि दरवाजा आज भी बंद है.
पहले के छह दरवाजों में मिला था भारी खजाना
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मंदिर के छह तहखाने पहले ही खोले जा चुके हैं, जिनमें बेशुमार सोना, हीरे, जवाहरात और दुर्लभ मूर्तियां मिली थीं. लेकिन सातवां तहखाना अब तक बंद रखा गया है.
विष्णु भगवान से जुड़ा है मंदिर
कहते हैं कि इस स्थान पर विष्णु भगवान की एक दिव्य मूर्ति प्राप्त हुई थी, जिसके बाद इस मंदिर का निर्माण किया गया. पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और *भारत के सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में* इसकी गिनती होती है.
लकड़ी का बना है सातवां दरवाजा
मान्यताओं के अनुसार, यह दरवाजा लकड़ी से बना हुआ है और उस पर दो सांपों की कलाकृतियां बनी हैं, जो प्रतीक हैं उस रहस्यमयी शक्ति के जो इस द्वार की रक्षा करती है.
1908 की कोशिश
बताया जाता है कि साल 1908 में कुछ लोगों ने इस दरवाजे को खोलने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें अंदर से अजीब सी ध्वनियां सुनाई दीं. कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्हें *कई सिरों वाले सांप दिखाई दिए*, और बाद में वे लोग रहस्यमयी परिस्थितियों में मारे गए. हालांकि इस कहानी की कोई ऐतिहासिक पुष्टि नहीं है, लेकिन यह अब तक एक डरावनी लोककथा के रूप में प्रसिद्ध है.
आस्था, संपत्ति और रहस्य का संगम
यह मंदिर न सिर्फ करोड़ों की संपत्ति के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी बनावट, पौराणिक इतिहास और सातवें दरवाजे के रहस्य ने इसे दुनिया के सबसे रहस्यमय धार्मिक स्थलों में शुमार कर दिया है

