
स्टॉकहॉम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की नई रिपोर्ट में बताया गया कि परमाणु हथियारों के मामले में भारत पाकिस्तान पर बढ़त बनाए हुए है, साथ ही भारत न्यूक्लियर डिलीवरी सिस्टम यानी परमाणु हथियारों को ले जाने वाली मिसाइलों की भी संख्या धीरे-धीरे बढ़ा रहा है.


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
सिप्री की रिपोर्ट के अनुसार भारत बहुत तेजी से परमाणु हथियारों की सख्या बढ़ा रहा है और इस साल भारत के परमाणु हथियारों की संख्या 180 पहुंच गई है, जबकि पिछले साल तक उसके पास 172 न्यूक्लियर वेपन थे. पिछले साल सिप्री की रिपोर्ट आई थी, उसमें बताया गया कि पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की नई ‘कैनिस्टराइज्ड’ मिसाइलें बहुत सुरक्षित हैं. इन मिसाइलों में परमाणु हथियार पहले से ही लोड किए जा सकते हैं और शांति के समय में भी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हो सकती हैं. आने वाले समय में नई पीढ़ी ये मिसाइलें एक साथ कई परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम हो सकती हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत नए न्यूक्लियर सिस्टम डेवलप कर रहा है और उसकी नई कैनिस्टराइज्ड मिसाइलें एक बार ऑपरेशनल होने के बाद एक मिसाइल पर कई वॉरहेड लगाए जा सकते हैं.
भारत के नए पीढ़ी के मिसाइल सिस्टम में अग्नि प्राइम (Agni-P) और मल्टीपल इंडीपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) सक्षम अग्नि-5 मिसाइल शामिल हैं. भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार Agni-P, अग्नि सीरिज मिसाइलों का सबसे एडवांस्ड वैरिएंट है. यह कैनिस्टराइज्ड मिसाइल है, जिसकी रेंज 1000 से 2000 किलोमीटर है. पिछले साल भारत ने MIRV सक्षम अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया था. यह 5,000 किलोमीटर की दूरी से भी लक्ष्य पर वार कर सकता है.
सिप्री ने पाकिस्तान के परमाणु प्रोग्राम को लेकर कहा कि वह भी न्यूक्लियर मिसाइलें बना रहा है. 2024 में उसने हथियार बनाने के लिए सामग्री इकट्ठा की थी, जो इस ओर इशारा करती हैं कि वह कितनी तेजी से अपने परमाणु प्रोग्राम पर काम कर रहा है.
पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच चली 3-4 दिन की लड़ाई को लेकर भी सिप्री ने चिंता जताई है. सिप्री के साथ काम करने वाले मट कोरडा ने कहा कि परमाणु ठिकानों पर हमले और गलत जानकारी की वजह से साधारण सी लड़ाई भी परमाणु युद्ध में बदल सकती है. उन्होंने कहा कि यह उन देशों के लिए कड़ी चेतावनी है, जो परमाणु हथियारों पर अपना भरोसा बढ़ाना चाहते हैं.
