भ्रष्टाचार के दलदल में उत्तराखंड ,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगाएंगे नैया पार लोगों को है उम्मीद। हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स

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म ताकि सनद रहे।
हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद अवतार सिंह बिष्ट।
भ्रष्टाचारमुक्तउत्तराखंड हम उत्तराखंड में संगठित लूट का विरोध करते हैं। जिस प्रकार से नेताओं मंत्रियों के परिजनों एवं करीबियों को सरकारी नौकरियां दी गई। बिहार राजस्थान एवं अन्य प्रदेशों के लोगों को उत्तराखंड के नौजवानों के हिस्से की नौकरियां बेची गई। इससे स्पष्ट हो गया है कि उत्तराखंड के राजनेताओं ने जनता के साथ छल किया है‌‌।उत्तराखंड राज्य के निर्माण के लिए सैकड़ों लोगों ने अपने प्राणों का बलिदान किया। माताओं-बहनों को अपनी अस्मत गंवानी पड़ी।लाखों लोगों ने इस जन संघर्ष में आहुति दी तब जाकर इस राज्य का निर्माण हो पाया‌। लेकिन विगत 23 वर्षों में भ्रष्टाचार,परिवारवद और भाई भतीजावाद ने उत्तराखंड को बर्बादी के कगार पर मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया। ऐसा नहीं है कि संगठित लूट केवल नौकरियों में हुई है । उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड में संगठित लूट। उधम सिंह नगर के साथ-साथ पूरे उत्तराखंड में सरकारी जमीन, खेती की जमीन, सिंचाई विभाग की जमीन, गुल, नहर, तालाब, चक रोड, कब्जे करके बेच दिए हैं । रुद्रपुर की कल्याणी नदी उसका जीता जागता उदाहरण है।बिल्डरों के द्वारा कृषि जमीन खरीद कर कालोनी काटी जा रही है। यह सब खेल डीडीए के प्रबंधन कार्यालय की मिलीभगत से हो रहा है। इसमें जिला प्रशासन पूरी तरह से इंवॉल्व रहता है। उधम सिंह नगर के भूमाफियाओं के द्वारा लगातार नियमों के विरुद्ध कालोनी काटी जा रही है। हर बार की तरह इस बार भी जिला अधिकारी महोदय ने एसडीएम को इसकी जिम्मेदारी दी है। डीडीए व नगर निगम को आपसी सहयोग के भी निर्देश समय-समय पर मिलते रहे ।रुद्रपुर उधम सिंह नगर पूरे उत्तराखंड में अंदर 90% कॉलोनियां नियम विरुद्ध अवैध रूप से काटी गई है। सरकारी जमीन, सीलिंग की जमीन, नदियों के किनारे रातों-रात कब्जे हो रहे हैं ।उन कब्जों को कमर्शियल बिल्डिंग बनाकर नक्शा बनाने के उपरांत उत्तराखंड सरकार को बड़ा भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कॉलोनियों में घर बनाने के बाद लगभग सभी कॉलोनी वासी बिजली पानी नाली अन्य सुविधाओं के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ज्ञापन प्रेषित कर रहे हैं ।सुनने वाला कोई नहीं। छतरपुर जयनगर मैं काटी गई कॉलोनियों में यहां तक सुना गया है ।अंडरवर्ल्ड से जुड़े हुए लोगों का पैसा लगा है। जो पहले भी समाज विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे, कॉलोनिया काटकर अपने आकाओं पर मोटी रकम पहुंचा रहे हैं। जांच का विषय है। दूसरी ओर स्पा सेंटर जो पूर्ण रूप से अनैतिक कार्य का अड्डा बन चुका है। अपनी प्राइवेट फार्म बनाकर जीएसटी के रूप में अपने को सुरक्षित करने में लगे हैं।
उत्तराखंड का 9 नवंबर को 24 वा स्थापना दिवस मनाया जाएगा। उत्तराखंड की जनता आकलन करेगी हम कहां पर हैं। क्या विकास के नाम पर उत्तराखंड को लूटा गया। प्रत्येक उत्तराखंयों की जिम्मेदारी है भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं। वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में पत्रकारों की परिभाषा ही बदल गई।
सफल पत्रकार वह है जिसके पास सबसे अधिक संपर्क सूत्र हैं, भाई लोगों ने संपर्क सूत्र बढ़ाए,संपर्क सूत्र बढ़ाने में लगे हैं। लेकिन न्यूज के लिए नहीं, निजी हित के लिए। आखिरकार पत्रकार भी व्यवस्था के अंग हैं। कारपोरेट युग के दौर में अधिकांश पत्रकारों की मजबूरी होती है कि वह संस्थान के लिए लाइजिनिंग करे या उन मुद्दों पर चुप्पी साध ले, जिनसे सत्ता या संस्थान को नुकसान पहुंच रहा हो। कोरपोरेट जर्नलिज्म का एक और नुकसान हुआ है कि अधिकांश पत्रकार स्वार्थी हो गये। हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स


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