रूद्रपुर 26 मई, 2025 – हरेला पर्व को लेकर जिले में व्यापक पौधारोपण अभियान की तैयारी जोरों पर है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के निर्देशन में सोमवार को जिला सभागार में मुख्य विकास अधिकारी ने इस संबंध में समीक्षा बैठक की। बैठक में तय हुआ कि जनपद में हरेला पर्व के अवसर पर वृहद पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें हर विभाग की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी नगर निकाय, पंचायतें व संबंधित विभाग जल्द से जल्द पौधारोपण के लिए स्थान चिन्हित करें और पौधों की डिमांड भेजें, ताकि समय रहते पौधे उपलब्ध कराए जा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि पौधे लगाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना भी अनिवार्य होगा। जो भी संस्थान या विभाग पौधारोपण करेगा, उसकी देखरेख और संरक्षण की जिम्मेदारी भी वही निभाएगा।
उन्होंने वन विभाग, उद्यान, सिंचाई, शिक्षा, नगर निकाय, प्राधिकरण, ग्राम पंचायतें, चीनी मिल, लोनिवि, मत्स्य विभाग, बाल विकास और रेशम विभाग सहित सभी को अपने कार्यालय और आवासीय परिसरों में छायादार और फलदार पौधों का रोपण करने के निर्देश दिए।
नगर निकायों और खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे उपजिलाधिकारियों के साथ मिलकर अतिक्रमणमुक्त कराई गई भूमि पर पौधारोपण के लिए कार्ययोजना तैयार करें। इसके अलावा, पंतनगर विश्वविद्यालय, सभी शैक्षणिक संस्थान, और चीनी मिलें भी अपने परिसरों में वृहद पौधारोपण करेंगी।
मुख्य विकास अधिकारी ने एनएचएआई और लोनिवि अधिकारियों को सड़कों के दोनों ओर छायादार पौधे लगाने के निर्देश दिए। वहीं सिंचाई विभाग को नहरों व नदियों के किनारे पौधारोपण के लिए उपयुक्त स्थान चिन्हित करने को कहा गया है।
बैठक में डीएफओ यूसी तिवारी, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, उप नगर आयुक्त शिप्रा जोशी, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, मुख्य उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत, सहायक निदेशक मत्स्य संजय कुमार छिमवाल, जिला युवा कल्याण अधिकारी बीएस रावत, जिला पंचायतराज अधिकारी महेश कुमार, अधिशासी अभियंता सिंचाई बीएस डांगी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। वहीं, सभी नगर निकायों और खंड विकास अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में भागीदारी की।
हरेला पर्व के इस महाअभियान का उद्देश्य केवल पर्यावरण संरक्षण नहीं, बल्कि हरित उत्तराखंड की दिशा में एक सार्थक कदम है। आने वाले दिनों में जनसहभागिता और विभागीय सहयोग से इसे जनआंदोलन का रूप देने की तैयारी है।

