
रुद्रपुर/हल्द्वानी। उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। हालात का जायजा लेने और तैयारियों की परख के लिए प्रदेशभर में मॉक ड्रिल आयोजित की गई है। पुलिस और प्रशासन दोनों ही अलर्ट पर हैं।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
कुमाऊं कमिश्नर कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, कुमाऊं मंडल में कुल 54 सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। सबसे ज्यादा नुकसान बागेश्वर जनपद में हुआ है, जहां 26 सड़कें मलबा आने से बंद पड़ी हैं।
इसके अलावा, पिथौरागढ़ जनपद में 13, चंपावत में 8, अल्मोड़ा में 4 और नैनीताल में 3 सड़कें बाधित हैं। बंद हुई अधिकांश सड़कें जिला और ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण मार्ग हैं, जिनके बंद रहने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया, “मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के चलते कुमाऊं मंडल के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। जिला प्रशासन और पुलिस को पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है। पहाड़ों में जहां-जहां सड़कें बंद हैं, उन्हें खोलने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।”
कमिश्नर रावत ने कहा कि आपदा प्रबंधन को लेकर प्रशासन की चौकसी बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा, “जहां बारिश से अधिक नुकसान की खबरें आ रही हैं, उसकी निगरानी मैं स्वयं कर रहा हूं। जिला प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा गया है। गठित टीमें रिस्पांस टाइम कम करने पर जोर दे रही हैं।”
गौरतलब है कि पिछले 24 घंटों से कुमाऊं मंडल में रुक-रुक कर तेज बारिश जारी है, जिससे कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। मलबा और सड़कें बंद होने से न केवल यातायात प्रभावित हुआ है, बल्कि लोगों को आवागमन और जरूरी आपूर्ति में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम में अनावश्यक यात्रा से बचें और किसी भी आपदा संबंधी स्थिति में तत्काल हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।

